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राम गोपाल वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दी अपनी राय

फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर अपनी राय व्यक्त की, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। वर्मा ने इस फैसले का समर्थन करते हुए मानव सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कुत्ते प्रेमियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे केवल कुत्तों के अधिकारों के बारे में बात कर रहे हैं, जबकि गरीब लोग आवारा कुत्तों के हमलों का शिकार हो रहे हैं। वर्मा ने समाज में अमीर-गरीब के बीच के विभाजन और चुनिंदा सहानुभूति पर भी सवाल उठाए।
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राम गोपाल वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दी अपनी राय

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और वर्मा की प्रतिक्रिया

SC Order On Stray Dogs: फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में स्थानांतरित करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अपनी कड़ी राय व्यक्त की है। वर्मा ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि मानव सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।


कुत्तों के अधिकार बनाम मानव सुरक्षा

वर्मा ने अपने विचारों को नौ बिंदुओं में प्रस्तुत करते हुए पशु कार्यकर्ताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'जब लोग आवारा कुत्तों के हमलों का शिकार हो रहे हैं, तब कुत्ते प्रेमी केवल कुत्तों के अधिकारों के बारे में ट्वीट करने में व्यस्त हैं।'


अमीर-गरीब के बीच विभाजन

राम गोपाल वर्मा ने समाज में अमीर और गरीब के बीच के विभाजन की ओर इशारा करते हुए कहा, 'अमीर लोग उच्च नस्ल के कुत्तों को रखते हैं, जबकि गरीब लोग आवारा कुत्तों के हमलों का शिकार होते हैं। यह वर्ग विभाजन है, जिसके बारे में कुत्ते प्रेमी बात नहीं करते।'


चुनिंदा सहानुभूति का आरोप

वर्मा ने समाज में 'चुनिंदा सहानुभूति' का आरोप लगाते हुए कहा कि कई लोग आवारा कुत्तों के लिए रोते हैं, लेकिन हमलों के शिकार गरीब परिवारों को नजरअंदाज कर देते हैं। उन्होंने चुनौती दी कि अगर लोग सच में पशु अधिकारों की परवाह करते हैं, तो उन्हें सभी कुत्तों को गोद लेना चाहिए, न कि केवल हैशटैग अभियान चलाना चाहिए।


इंसान बनाम जानवर

वर्मा ने यह सवाल उठाया, 'अगर कोई इंसान किसी को मारता है, तो वह हत्यारा है। लेकिन अगर कोई कुत्ता किसी को मारता है, तो इसे दुर्घटना कहा जाता है। क्या इसका मतलब यह है कि जानवरों की तरह लोगों को मारना भी दुर्घटना माना जा सकता है?' उन्होंने आगे कहा, 'न्याय के बिना करुणा, करुणा नहीं, बल्कि आत्म-धार्मिकता में लिपटी क्रूरता है।'


सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

सोमवार को, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर पकड़कर विशेष आश्रयों में रखा जाए। अदालत ने स्पष्ट किया कि एक बार पकड़े जाने के बाद कुत्तों को फिर से सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा।