Newzfatafatlogo

रायबरेली विधायक पर ग्राम प्रधान के गंभीर आरोप, जान का खतरा बताकर आत्महत्या की सोच

रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र में ग्राम प्रधान धनराज यादव ने विधायक मनोज कुमार पांडेय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक का उत्पीड़न उनके लिए जान का खतरा बन गया है और इस स्थिति के कारण उन्हें आत्महत्या का विचार आ रहा है। धनराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी पीड़ा साझा की, जिसमें उन्होंने विकास कार्यों में रुकावट और अन्याय का भी जिक्र किया। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
 | 
रायबरेली विधायक पर ग्राम प्रधान के गंभीर आरोप, जान का खतरा बताकर आत्महत्या की सोच

ग्राम प्रधान ने विधायक पर लगाया उत्पीड़न का आरोप


रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले की ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर चर्चा में है। क्षेत्र के विधायक मनोज कुमार पांडेय के पूर्व सहयोगी ग्राम प्रधान धनराज यादव ने विधायक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। धनराज ने कहा कि विधायक उनके लिए जान का खतरा बन गए हैं और उनका लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने रायबरेली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी पीड़ा साझा की, जहां उनकी आंखों में आंसू थे।


धनराज यादव, जो ऊंचाहार देहात के ग्राम प्रधान हैं, ने मनोज पांडेय के साथ लंबे समय तक राजनीतिक संबंध बनाए रखे। उन्होंने विधायक के कई चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन अब वह उनके खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं। धनराज ने बताया कि विधायक ने न केवल उनका उत्पीड़न किया, बल्कि उनके कारण ग्राम सभा के विकास कार्य भी रुक गए हैं।


धनराज ने कहा कि वह पिछले 15 वर्षों से ग्राम प्रधान हैं और लगातार तीन बार निर्वाचित होकर समाज की सेवा कर रहे हैं। लेकिन पिछले 6 सालों से विधायक मनोज पांडेय उनके खिलाफ उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक के दबाव के कारण वह अपने गांव में विकास कार्य नहीं कर पा रहे हैं।


धनराज ने विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि मनोज पांडेय ने करोड़ों की संपत्ति बनाई है और इसके लिए उन्होंने गलत तरीकों का सहारा लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि विधायक के उत्पीड़न के कारण उन्हें आत्महत्या का विचार बार-बार आता है। धनराज ने कहा कि उन्होंने 2012 से लेकर अब तक मनोज पांडेय के साथ काम किया, लेकिन अब उनके उत्पीड़न के कारण वह आत्महत्या करने के विचार में हैं।


धनराज ने एक और गंभीर मुद्दा उठाते हुए बताया कि 2018-19 में मनोज पांडेय ने ऊंचाहार ब्लॉक की तीन ग्राम पंचायतों की जांच के आदेश दिए थे। उस समय जिन ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायतें थीं, उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है। कुछ शिकायतकर्ताओं की मृत्यु हो चुकी है और नए ग्राम प्रधान चुन लिए गए हैं। इसके बावजूद, उन पुरानी शिकायतों की जांच आज के ग्राम प्रधानों पर थोप दी जा रही है।


धनराज ने इसे अन्याय करार देते हुए कहा कि जिन ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायतें थीं, वे अब प्रधान नहीं हैं। फिर भी जांच का बोझ उन पर डाला जा रहा है। इससे गांव का विकास रुक गया है और वे बेवजह परेशान हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन जांचों के कारण ग्राम सभाओं में विकास कार्यों के लिए फंड्स का उपयोग नहीं हो पा रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी बढ़ रही है।