राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार नए सदस्यों की नियुक्ति की

नई नियुक्तियों की घोषणा
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत चार नए सदस्यों को राज्यसभा में मनोनीत किया है। इनमें पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और उज्ज्वल देवराव निकम शामिल हैं।
नियुक्तियों का उद्देश्य
ये नियुक्तियां उन रिक्त स्थानों को भरने के लिए की गई हैं जो नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण खाली हुए थे। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह घोषणा 12 जुलाई 2025 को की गई थी।
नए सदस्यों की पहचान
नए नामित सदस्यों में उज्ज्वल देवराव निकम, सी. सदानंदन मास्टर, हर्षवर्धन श्रृंगला और डॉ. मीनाक्षी जैन शामिल हैं। इन नियुक्तियों का मुख्य उद्देश्य राज्यसभा में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है, जैसा कि संविधान में उल्लेखित है।
संविधान का प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार, राष्ट्रपति को कला, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक सेवा और अन्य क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों को राज्यसभा में नामित करने का अधिकार है। ये नियुक्तियां संसद के उच्च सदन में विविध दृष्टिकोण और विशेषज्ञता को शामिल करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
सदस्यों की भूमिका
नामित सदस्यों की जिम्मेदारी विधायी चर्चाओं में महत्वपूर्ण योगदान देना और राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर विचार-विमर्श को समृद्ध करना होती है।
विशेषज्ञता का योगदान
उज्ज्वल देवराव निकम, सी. सदानंदन मास्टर, हर्ष वर्धन श्रृंगला और डॉ. मीनाक्षी जैन अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य के लिए जाने जाते हैं। विशेष रूप से, हर्ष वर्धन श्रृंगला की नियुक्ति उनके कूटनीतिक अनुभव के कारण महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जबकि डॉ. मीनाक्षी जैन इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में अपने विद्वत्तापूर्ण योगदान के लिए जानी जाती हैं। निकम को 26/11 मुंबई आतंकी हमले के एकमात्र जीवित आरोपी अजमल कसाब के खिलाफ केस लड़ने के लिए जाना जाता है।
आगे की अपेक्षाएँ
इन नए सदस्यों से उम्मीद की जा रही है कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी विशेषज्ञता के साथ संसद में सकारात्मक योगदान देंगे। यह कदम सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को विधायी प्रक्रिया में शामिल करने पर जोर दिया गया है।