राष्ट्रपति मुर्मू ने जी राम जी विधेयक 2025 को दी मंजूरी, ग्रामीण रोजगार में नया अध्याय
नई दिल्ली में महत्वपूर्ण निर्णय
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विकसित भारत–रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) के तहत जी राम जी विधेयक 2025 को स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, जिसे मनरेगा के नाम से जाना जाता था, की जगह अब नया 'जी राम जी' कानून लागू हो गया है। सरकार का कहना है कि यह कदम ग्रामीण भारत में रोजगार, आजीविका और आय सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
विपक्ष का विरोध
यह विधेयक संसद में गुरुवार को विपक्ष के तीव्र विरोध के बीच पारित हुआ। विपक्षी दलों ने मनरेगा का नाम हटाने और महात्मा गांधी का उल्लेख न होने पर सरकार पर कड़ा हमला किया। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नए कानून का उद्देश्य योजनाओं को अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुखी बनाना है।
The President of India has given assent to the Viksit Bharat—Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) (VB—G RAM G) Bill, 2025 marking a significant milestone in the transformation of rural employment policy. The Act enhances the statutory wage employment guarantee to… pic.twitter.com/5ruxfDCLzw
— News Media (@news_media) December 21, 2025
शिवराज सिंह चौहान का बयान
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बापू के आदर्शों का अपमान किया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने उन आदर्शों को वास्तविकता में बदलने का कार्य किया है। चौहान ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने मनरेगा को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया, जबकि मोदी सरकार ने इसे सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया है।
यूपीए और एनडीए की तुलना
केंद्रीय मंत्री ने यूपीए और एनडीए सरकारों के दौरान योजना के कार्यान्वयन की तुलना की। उनके अनुसार, कांग्रेस के शासन में 1660 करोड़ श्रम दिवस सृजित हुए, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में यह आंकड़ा बढ़कर 3210 करोड़ श्रम दिवस तक पहुंच गया। उन्होंने यह भी बताया कि पहले महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 56.73 प्रतिशत हो गई है। चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गांधी का नाम केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया।
जी राम जी कानून का उद्देश्य
जी राम जी कानून प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना, आजीविका के साधनों को सुदृढ़ करना और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना है। नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों के लिए सालाना मजदूरी रोजगार गारंटी को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना
इस कानून में स्थानीय नियोजन को प्राथमिकता, श्रमिकों की सुरक्षा, और विभिन्न सरकारी योजनाओं के एकीकरण पर जोर दिया गया है। सरकार का कहना है कि इससे ग्रामीण आय सुरक्षा मजबूत होगी और कृषि तथा गैर-कृषि रोजगार के बीच संतुलन स्थापित होगा। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
सरकार का दावा और विपक्ष की चिंताएं
सरकार का कहना है कि जी राम जी कानून ग्रामीण मजदूरों के लिए अधिक अवसर और स्थिर आय सुनिश्चित करेगा। वहीं, विपक्ष का मानना है कि मनरेगा का नाम और पहचान हटाना ऐतिहासिक विरासत से दूरी बनाने जैसा है। आने वाले समय में इस कानून के कार्यान्वयन और इसके प्रभाव पर सभी की नजरें रहेंगी।
