राष्ट्रपति मुर्मू ने वीर बाल दिवस पर 20 बच्चों को सम्मानित किया
वीर बाल दिवस पर राष्ट्रपति का संबोधन
नई दिल्ली में वीर बाल दिवस के अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 20 बच्चों को उनके असाधारण कार्यों के लिए सम्मानित किया। ये बच्चे 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं और इन्हें कला, संस्कृति, खेल और नवाचार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर बच्चों की उपलब्धियों की सराहना की और उन्हें आशीर्वाद दिया।
असाधारण योगदान के लिए राष्ट्रपति की सराहना
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों ने बहादुरी, कला, संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, और विज्ञान व प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके कार्य अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। उन्होंने बताया कि वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के बेटों की शहादत की याद में मनाया जाता है।
परिवार और समाज का गौरव बढ़ाने वाले बच्चे
राष्ट्रपति ने कहा कि इन बच्चों ने अपने परिवारों, समाज और देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने इन बच्चों के परिवारों को भी बधाई दी और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और उनकी टीम की सराहना की।
देश की मानवता का प्रतीक
राष्ट्रपति ने कहा कि जब देश के बच्चे देशभक्ति और उच्च आदर्शों से भरे होते हैं, तो यह देश की मानवता को मजबूत बनाता है। उन्होंने आगरा के 9 वर्षीय बच्चे अजय राज की बहादुरी की कहानी साझा की, जिसने अपने पिता को मगरमच्छ के हमले से बचाया।
अर्णव के इनोवेशन के लिए सम्मान
महाराष्ट्र के अर्णव अनुप्रिया महर्षि को उनके दो नवाचारों के लिए सम्मानित किया गया। अर्णव ने लकवाग्रस्त मरीजों की मदद के लिए एआई सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन विकसित किए हैं, जिन्हें भारत सरकार ने पेटेंट किया है।
पुरस्कार की खुशी
एक छोटे बच्चे ने बताया कि उसने 'आपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना के लिए खाना लाने का काम किया था। राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त करने के बाद उसने कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि उसे यह पुरस्कार मिलेगा।
