राष्ट्रीय खेल नीति 2025: खेलों में बदलाव की नई दिशा

प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस पर महत्वपूर्ण ऐलान
खेल डेस्क: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय खेल नीति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का उद्देश्य भारत को खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। पीएम ने यह भी बताया कि वे देश के दूरदराज के क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हाल ही में स्वीकृत राष्ट्रीय खेल नीति 2025 इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
भारत की विशाल जनसंख्या के बावजूद, हमारे खिलाड़ी कुछ खेलों को छोड़कर अन्य खेलों में अपेक्षित सफलता नहीं प्राप्त कर पाते हैं, जिससे ओलंपिक जैसे बड़े आयोजनों में पदक तालिका में हमारी स्थिति कमजोर रहती है।
दूर-दराज के क्षेत्रों में खेलों का विकास
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में कहा, 'हम दूरदराज के क्षेत्रों में खेलों का प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं। राष्ट्रीय खेल नीति इस दिशा में मददगार होगी।' केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले महीने राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 को मंजूरी दी थी, जो देश के खेल परिदृश्य को नया रूप देने और नागरिकों के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह नई नीति 2001 की राष्ट्रीय खेल नीति का स्थान लेती है और भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के लिए एक रणनीतिक रोडमैप तैयार करती है।
यह नीति 2036 ओलंपिक जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एक मजबूत आधार तैयार करती है।
खेलों का विकास और देश की प्रगति
एनएसपी 2025 का उद्देश्य देश में एक मजबूत और समावेशी खेल 'इकोसिस्टम' का निर्माण करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी होती है जब माता-पिता अपने बच्चों को खेलों के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा, 'खेलों का विकास देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुझे गर्व है कि आज के बच्चे खेलों में रुचि लेते हैं।'
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि 'खेलों को बढ़ावा देने के लिए हमने खेलो भारत नीति शुरू की है, जिसका लक्ष्य खेल के क्षेत्र में विकास सुनिश्चित करना है। स्कूली स्तर से लेकर ओलंपिक तक, हमारा लक्ष्य देश में खेलों का समग्र और मजबूत विकास करना है।'