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राहुल गांधी और अन्य सांसदों की चुनाव आयोग के खिलाफ मार्च में पुलिस हिरासत

राहुल गांधी और अन्य सांसदों ने चुनाव आयोग के खिलाफ एक मार्च निकाला, जिसमें उन्हें हिरासत में लिया गया। इस दौरान राहुल ने कहा कि यह लड़ाई लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए। जानें इस महत्वपूर्ण घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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राहुल गांधी और अन्य सांसदों की चुनाव आयोग के खिलाफ मार्च में पुलिस हिरासत

संसद से चुनाव आयोग तक का मार्च

नई दिल्ली। कई सांसदों ने चुनाव आयोग के कार्यालय की ओर मार्च निकाला, जिसमें कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे प्रमुख नेता शामिल थे। पुलिस ने इन नेताओं को हिरासत में लिया और उन्हें सेंट्रल दिल्ली से बाहर छोड़ दिया। हिरासत में लिए जाने के बाद, राहुल गांधी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, बल्कि लोकतंत्र, संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार की रक्षा के लिए है।


राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'आज जब हम चुनाव आयोग से मिलने जा रहे थे, INDIA गठबंधन के सभी सांसदों को रोका गया और हिरासत में ले लिया गया। वोट चोरी की सच्चाई अब देश के सामने है। यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, बल्कि लोकतंत्र, संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार की रक्षा की लड़ाई है। एकजुट विपक्ष और देश का हर मतदाता मांग करता है: साफ़-सुथरी वोटर लिस्ट। और, ये हक़ हम हर हाल में लेकर रहेंगे।'



कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमें चुनाव आयोग तक पहुंचने नहीं देती, तो यह समझना मुश्किल है कि उसे किस बात का डर है। इस मार्च में सभी सांसद शामिल थे, और हम शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रहे थे। हमारा उद्देश्य था कि चुनाव आयोग सभी सांसदों को बुलाए, ताकि हम अपनी बात रख सकें, लेकिन आयोग ने कहा कि केवल 30 सदस्य ही आ सकते हैं। यह कैसे संभव है?