राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा': क्या बनेगा विपक्ष का नया समीकरण?

वोटर अधिकार यात्रा का आगाज
कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, साथ ही आरजेडी के तेजस्वी यादव, बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' पर निकले हैं। सोमवार को इस यात्रा का दूसरा दिन है, जो औरंगाबाद जिले के देव सूर्य मंदिर से शुरू होकर अंबा और कुटुंबा होते हुए रफीगंज तक जाएगी। शाम तक दोनों नेता गया जिले के गुरारू पहुंचेंगे, जहां खलीस पार्क में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। यात्रा के दौरान फिलहाल पैदल मार्च नहीं, बल्कि वाहन रैली का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन दोनों नेता लगातार आम जनता से मिलकर उनकी समस्याएं सुन रहे हैं.
सासाराम में चुनाव आयोग पर हमला
यात्रा के पहले दिन, रविवार को, राहुल गांधी ने सासाराम में एक विशाल जनसमूह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। राहुल ने कहा कि देश में एक बड़ा चुनावी घोटाला चल रहा है और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यात्रा के दौरान कई लोगों ने उनसे शिकायत की है कि उनके नाम बिना किसी सूचना के मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं.
चुनाव आयोग का जवाब
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। रविवार को आयोग ने कांग्रेस नेता को नोटिस जारी करते हुए सात दिन का समय दिया। आयोग ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी या तो अपने आरोपों के समर्थन में शपथपत्र और ठोस सबूत पेश करें, या फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। आयोग ने चेतावनी दी कि यदि सबूत नहीं दिए गए, तो उनके आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद माना जाएगा.
पारदर्शिता का दावा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' और दोहरे मतदान के आरोपों को खारिज किया। आयोग ने कहा कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों और हितधारकों को शामिल किया जाता है, ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो.
यात्रा की शुरुआत
राहुल गांधी ने 17 अगस्त 2025 को सासाराम से इस 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत की थी। यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और बिहार के 20 से अधिक जिलों से होकर गुजरेगी, जिसमें लगभग 1,300 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी.
पटना में समापन
इस यात्रा का समापन एक सितंबर को पटना में एक विशाल जनसभा के साथ होगा, जिसमें INDIA गठबंधन के कई प्रमुख नेता भी शामिल होंगे। यह रैली आगामी चुनावों को देखते हुए विपक्षी दलों की एकजुटता का बड़ा प्रदर्शन मानी जा रही है.
क्या बनेगा जीत का रास्ता?
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यह यात्रा न केवल जन अधिकारों की बहाली पर केंद्रित है, बल्कि इसे 2025 के विधानसभा और 2026 के आम चुनावों से पहले विपक्ष के राजनीतिक अभियान के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस और आरजेडी की इस संयुक्त पहल से बिहार की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं.