राहुल गांधी का RSS पर हमला: संविधान की रक्षा का संकल्प

RSS के बयान पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना से 'समाजवादी' और 'पंथनिरपेक्ष' शब्दों को हटाने की मांग की है। इस बयान ने देशभर में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी नेताओं ने RSS और बीजेपी पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि RSS और बीजेपी को संविधान की नहीं, बल्कि मनुस्मृति की आवश्यकता है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "RSS का असली चेहरा फिर से सामने आ गया है। संविधान उन्हें चुभता है क्योंकि यह समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है। RSS और बीजेपी को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए। ये बहुजनों और गरीबों के अधिकार छीनकर उन्हें फिर से गुलाम बनाना चाहते हैं। संविधान जैसा शक्तिशाली हथियार उनसे छीनना इनका असली उद्देश्य है।"
RSS का नक़ाब फिर से उतर गया।
संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है।
RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए। ये बहुजनों और ग़रीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा ग़ुलाम बनाना चाहते हैं। संविधान जैसा ताक़तवर हथियार उनसे छीनना इनका…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 27, 2025
उन्होंने आगे कहा, "RSS को यह सपना देखना बंद करना चाहिए कि वे सफल होंगे। हर देशभक्त भारतीय संविधान की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक खड़ा रहेगा।"
दत्तात्रेय होसबाले का बयान क्या है?
बीजेपी आपातकाल के 50 साल पूरे होने के अवसर पर संविधान हत्या दिवस मना रही है। इसी बीच, RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना में बदलाव को निरस्त करने की मांग की है और कांग्रेस पार्टी से माफी की भी मांग की है। उनका कहना है कि संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द आपातकाल के दौरान जोड़े गए थे।