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राहुल गांधी का अमेरिका पर हमला: क्या मोदी ने किया आत्मसमर्पण?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भोपाल में एक भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिका के सामने आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया। उन्होंने इंदिरा गांधी के साहस का उदाहरण देते हुए बीजेपी की विचारधारा पर सवाल उठाए। शशि थरूर ने इस पर संयमित प्रतिक्रिया दी, भारत की आतंकवाद नीति को स्पष्ट किया और अमेरिका की भूमिका पर भी विचार साझा किए। जानें इस राजनीतिक विवाद की पूरी कहानी।
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राहुल गांधी का अमेरिका पर हमला: क्या मोदी ने किया आत्मसमर्पण?

राहुल गांधी का तीखा बयान

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' और अमेरिका की भूमिका पर भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया। भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन कॉल पर मोदी ने आत्मसमर्पण कर दिया। राहुल ने इसे बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा का नतीजा बताया और कहा कि इनके नेताओं को 'झुकने की आदत' है।


इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए किया हमला

इंदिरा गांधी का उदाहरण देकर साधा निशाना

राहुल गांधी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय अमेरिका ने भारत को धमकी दी थी, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साहस के साथ मुकाबला किया और पाकिस्तान को विभाजित कर दिया। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के नेता कभी झुके नहीं, वे 'बब्बर शेर' और 'शेरनियां' हैं, जबकि भाजपा हमेशा झुक जाती है।'


शशि थरूर की संतुलित प्रतिक्रिया

शशि थरूर की संयमित प्रतिक्रिया

राहुल गांधी के बयान के बाद, जब अमेरिका में एक पत्रकार ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर से प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने संयमित तरीके से जवाब दिया। थरूर इस समय एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क को वैश्विक मंचों पर उजागर करना है।

थरूर ने कहा, 'हम अमेरिकी राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, लेकिन भारत ने कभी किसी तीसरे पक्ष से मध्यस्थता की मांग नहीं की है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमें पाकिस्तान से सीधे संवाद करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन जब तक वे आतंकवाद की भाषा बोलेंगे, तब तक भारत बल की भाषा में जवाब देगा।'


भारत की आतंकवाद नीति

आतंकवाद पर भारत की सख्त नीति

शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत की नीति आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और सख्त है। उन्होंने कहा, 'अगर पाकिस्तान आतंक के बुनियादी ढांचे को खत्म करना चाहता है, तो बातचीत संभव है, लेकिन जब तक वे हिंसा की राह पर चलेंगे, भारत कड़ा रुख अपनाएगा।'


अमेरिका की भूमिका पर विचार

अमेरिका की भूमिका पर संकेत

थरूर ने यह भी कहा कि अगर अमेरिका पाकिस्तान से कहे कि वह आतंकी गतिविधियाँ बंद करे, तो यह एक सकारात्मक पहल होगी। उन्होंने कहा, 'अगर पाकिस्तान रुकेगा, तो सब कुछ खुद-ब-खुद रुक जाएगा। हमें किसी को रोकने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।'