राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप: क्या बिहार में हो रहा है वोट चोरी?

मतदाता अधिकार यात्रा में राहुल गांधी के गंभीर आरोप
Voter Rights Yatra: पटना में आयोजित 'मतदाता अधिकार यात्रा' के दौरान राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की प्रक्रिया वास्तव में 'वोट चोरी' का एक साधन है, जिसे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले जानबूझकर तैयार किया गया है। उनका दावा है कि यह प्रक्रिया भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए की जा रही है.
चुनाव आयोग भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है
राहुल गांधी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि INDIA गठबंधन बिहार और केंद्र में सरकार बनाता है, तो मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने निष्पक्षता को छोड़ दिया है और अब भाजपा के हित में कार्य कर रहा है.
राहुल गांधी की ट्विटर पर प्रतिक्रिया
जिन लोगों ने पिछले 4-5 चुनावों में वोट किया, बिहार में उनका भी वोट चोरी कर लिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 18, 2025
और, जब वजह पूछा, तो एक ही जवाब मिला- ऊपर से ऑर्डर आया है।
ये गरीबों के अधिकार की लड़ाई है - हम रुकेंगे नहीं। वोट चोरी रोक कर रहेंगे। pic.twitter.com/wL1AdnKM6O
बिहार में वोट चोरी की शिकायतें
हर सीट पर वोट चोरी का पता लगाएंगे
बिहार की एक सभा में राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें मतदाता सूची से नाम हटाए जाने की कई शिकायतें मिली हैं, और ये मामले बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को 'विशेष पैकेज' देने का वादा किया था, वैसे ही यह SIR प्रक्रिया भी बिहार के लोगों के अधिकारों पर सीधा हमला है.
मुख्य चुनाव आयुक्त की चेतावनी
राहुल का जवाब
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी को उनके 'वोट चोरी' वाले बयान पर सात दिन का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा कि या तो राहुल गांधी अपने आरोपों के समर्थन में हलफनामा दें या फिर माफी मांगें, अन्यथा उनके आरोपों को निराधार माना जाएगा। राहुल गांधी ने जवाब दिया कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं और जनता खुद चुनाव आयोग से जवाब मांगेगी.
बिहार चुनाव आयोग की कार्रवाई
शिकायतों की जांच
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी राहुल गांधी से वीडियो में दिखाई गई शिकायतों पर ठोस जानकारी मांगी है, खासकर मतदाताओं के EPIC (Voter ID) नंबर सहित डिटेल्स, ताकि जांच की जा सके। चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि SIR प्रक्रिया के तहत दावे और आपत्तियाँ दर्ज करने की अंतिम तिथि 1 सितंबर, 2025 है, और कोई भी बूथ लेवल एजेंट संबंधित जानकारी जमा कर सकता है.
राजनीतिक प्रभाव और चुनावी पारदर्शिता पर सवाल
आगामी चुनावों की तैयारी
यह पूरा विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब देश 2026 में आम चुनावों की ओर बढ़ रहा है। विपक्ष लगातार चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है, जबकि आयोग इन आरोपों को खारिज कर पारदर्शी प्रक्रिया का दावा करता है। आने वाले समय में यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है, खासकर बिहार जैसे बड़े राज्य में, जहां जातीय और सामाजिक समीकरण बेहद संवेदनशील हैं.