Newzfatafatlogo

राहुल गांधी का बड़ा बयान: अंग्रेजी को ताकत मानते हैं, BJP-RSS पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने BJP और RSS पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ये संगठन गरीब बच्चों को अंग्रेजी से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अंग्रेजी को एक शक्ति के रूप में देखा और कहा कि इसे गरीबों से छीनना उनके अधिकारों का हनन है। राहुल ने यह भी कहा कि भारतीय भाषाओं का सम्मान होना चाहिए, लेकिन अंग्रेजी का ज्ञान भी जरूरी है। उनका मानना है कि अंग्रेजी से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें उच्च अवसरों तक पहुंचने में मदद मिलती है।
 | 
राहुल गांधी का बड़ा बयान: अंग्रेजी को ताकत मानते हैं, BJP-RSS पर साधा निशाना

राहुल गांधी का आरोप: गरीब बच्चों को अंग्रेजी से दूर रखने की साजिश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ये संगठन भारत के गरीब बच्चों को अंग्रेजी भाषा से दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि वे सवाल न पूछ सकें और उच्च अवसरों से वंचित रहें। राहुल ने जोर देकर कहा कि अंग्रेजी एक बाधा नहीं, बल्कि एक शक्ति है, और इसे गरीबों से छीनना उनके अधिकारों का हनन है।


राहुल का वीडियो संदेश: RSS प्रमुख की आलोचना

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किए गए अपने वीडियो में, राहुल गांधी ने RSS के प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भागवत हिंदी को अपनाने की बात करते हैं, जबकि उनके और BJP के नेताओं के बच्चे विदेशों में अंग्रेजी में पढ़ाई कर रहे हैं। इस मुद्दे को उठाते हुए राहुल ने देश में भाषाई समानता और सामाजिक न्याय पर एक नई बहस शुरू की है।


अंग्रेजी को ताकत मानते हैं राहुल

राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में कहा कि अंग्रेजी कोई बंधन नहीं, बल्कि एक पुल है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी को शर्म नहीं, बल्कि शक्ति के रूप में देखना चाहिए। उनका आरोप है कि BJP और RSS गरीब बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के खिलाफ हैं, ताकि वे सवाल न कर सकें और आगे न बढ़ सकें। राहुल ने यह भी कहा कि भाजपा नेता अपने बच्चों को महंगे अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन आम गरीब बच्चों को भारतीय भाषाओं तक सीमित रखने की वकालत करते हैं।


भारतीय भाषाओं का सम्मान, लेकिन अंग्रेजी का महत्व

राहुल गांधी ने यह स्पष्ट किया कि वे भारतीय भाषाओं के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत की हर भाषा में आत्मा, संस्कृति और ज्ञान है, और हमें इनका सम्मान करना चाहिए। लेकिन साथ ही, हर बच्चे को अंग्रेजी भी सिखाई जानी चाहिए। उनका मानना है कि मातृभाषा और अंग्रेजी दोनों को समान महत्व देने से भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकता है।


अंग्रेजी से मिलते हैं अवसर

राहुल गांधी ने कहा कि अंग्रेजी का ज्ञान बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाता है और उन्हें बड़े पदों और वैश्विक मंचों तक पहुंचने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि आप ऊंचे पदों पर पहुंचें और उनके कॉन्ट्रैक्ट्स जारी रहें, जबकि आपके लिए दरवाजे बंद रहें।