राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला: क्या है 'ऑपरेशन सिंदूर' का सच?

राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में केंद्र सरकार की नीतियों पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर गंभीर सवाल उठाए। राहुल ने कहा कि ट्रंप ने 29 बार यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया। उन्होंने मोदी से पूछा कि यदि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं, तो आप इस पर स्पष्टता क्यों नहीं लाते?
क्या मोदी में इंदिरा गांधी जैसी हिम्मत है?
राहुल गांधी ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री में इंदिरा गांधी जैसी 50% भी हिम्मत है, तो उन्हें संसद में खड़े होकर ट्रंप के दावे को झूठा साबित करना चाहिए। यह केवल देश की गरिमा का मामला नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा और संप्रभुता से भी जुड़ा है।
वायुसेना को नहीं मिली स्वतंत्रता
राहुल ने आरोप लगाया कि भारतीय वायुसेना को उचित अधिकार नहीं दिए गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पायलटों को सीमित कर दिया, जिससे नुकसान हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें सेना की गलती नहीं है, बल्कि यह सरकार की नीतियों की कमी है। राहुल के अनुसार, वायुसेना को जानबूझकर पाकिस्तान के एयर डिफेंस पर हमला करने से रोका गया।
सेना का राजनीतिक इस्तेमाल खतरनाक
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री अपनी छवि को चमकाने के लिए सेना का राजनीतिक उपयोग करते हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि सेना और विदेश नीति को प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत ब्रांडिंग का माध्यम नहीं बनाना चाहिए।
चीन से असली लड़ाई, सरकार भ्रमित
राहुल ने कहा कि भारत की असली लड़ाई चीन से थी, लेकिन सरकार ने ध्यान पाकिस्तान पर केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ती साझेदारी को सरकार नजरअंदाज कर रही है।
पहलगाम हमले का खुलासा
राहुल ने यह भी बताया कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान के जनरल असीम मुनीर का हाथ था। उन्होंने कहा कि मुनीर हाल ही में ट्रंप के साथ लंच कर चुके हैं।
विदेश नीति की विफलता
अंत में, राहुल गांधी ने सरकार की विदेश नीति को पूरी तरह विफल बताया। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के खिलाफ सही रणनीति नहीं बनाई गई, जिसके परिणामस्वरूप देश को कूटनीतिक नुकसान उठाना पड़ा।