राहुल गांधी की चीन पर टिप्पणी से राजनीतिक विवाद: भाजपा ने उठाए गंभीर सवाल

राजनीतिक हलकों में गरमाई बहस
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा भारत-चीन सीमा विवाद पर की गई टिप्पणी ने राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गांधी को फटकार मिलने के बाद भाजपा के अमित मालवीय ने उन पर तीखा हमला करते हुए उन्हें 'प्रमाणित राष्ट्र-विरोधी' करार दिया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने कहा कि चीन ने भारत के लगभग 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। कोर्ट ने इस दावे पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या उनके पास इस बात का कोई ठोस प्रमाण है।
अमित मालवीय के गंभीर आरोप
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि गांधी बार-बार ऐसे बयान देते हैं जो भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ हैं। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक गुप्त समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका विवरण अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। मालवीय के अनुसार, यह समझौता भारतीय जनता से छिपाया गया है और इसका उद्देश्य भारतीय हितों के बजाय चीनी हितों की रक्षा करना था।
सुप्रीम कोर्ट की आलोचना और राहत
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की आलोचना की, लेकिन उन्हें राहत भी दी। कोर्ट ने बीआरओ के पूर्व महानिदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव द्वारा दायर मानहानि मामले पर रोक लगा दी। यह मामला राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान की गई उस टिप्पणी से संबंधित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जवानों की 'पिटाई' कर रहे हैं। लखनऊ की एक अदालत ने इसे सेना की मानहानि बताया था, जिसे गांधी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक खींचतान
इस घटनाक्रम ने भाजपा और कांग्रेस के बीच एक बार फिर तीखी राजनीतिक खींचतान को जन्म दिया है। भाजपा राहुल गांधी पर राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा रही है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि गांधी ने केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर वैध सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी देश के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और उनकी टिप्पणियाँ सरकार की जिम्मेदारी तय करने की दिशा में हैं।
गांधी की विदेश नीति पर सवाल
अमित मालवीय ने गांधी की विदेश नीति को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि गांधी की विदेश में भारत की आलोचना करने की प्रवृत्ति देश की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचा रही है। जैसे-जैसे 2024 के आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और क्षेत्रीय अखंडता जैसे मुद्दे राजनीतिक विमर्श का केंद्र बन गए हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों इन संवेदनशील विषयों पर अपने-अपने रुख को स्पष्ट करने में जुटे हुए हैं।