राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनावी धोखाधड़ी के आरोप

राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस अपडेट: आज, गुरुवार को, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने चुनावी धोखाधड़ी के आरोपों को और बढ़ाया। उन्होंने कहा, "यह कोई पहला हाइड्रोजन बम नहीं है, अभी बहुत कुछ आना बाकी है। मैं जो देख रहा हूं, वह आज के युवाओं को जागरूक करने में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि चुनावों में धांधली कैसे होती है।"
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर भी निशाना साधा और कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं, जिन्होंने लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया है। आयोग उन लोगों को बचा रहा है जिन्होंने वोट चुराए हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि देशभर में लाखों मतदाताओं को एक केंद्रीकृत घोटाले के तहत निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने पहले वादा किया था कि वह 'हाइड्रोजन बम' के रूप में सबूत पेश करेंगे, लेकिन इस बार वह इसे सार्वजनिक करने से पीछे हट गए। राहुल ने कहा कि उनका दल अभी इस 'बम' को तैयार कर रहा है और अब तक पेश किए गए सभी सबूत "100 प्रतिशत पुख्ता" हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में उन्होंने कहा, "मैं इस मंच पर ऐसी कोई बात नहीं कहूंगा जो 100 प्रतिशत सबूतों पर आधारित न हो।" आइए, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के 5 प्रमुख बिंदुओं पर नजर डालते हैं।
1. कांग्रेस के मजबूत बूथों पर मतदाता हटाने की कोशिश
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया बेतरतीब नहीं है, बल्कि यह उन बूथों को निशाना बनाती है जहां कांग्रेस का दबदबा है। कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र में, उन्होंने दावा किया कि 6,018 मतदाताओं को हटाने की कोशिश की गई, जो शायद वास्तविक संख्या का एक छोटा हिस्सा है। उन्होंने एक महिला, गोदाबाई, का उदाहरण दिया, जिनके नाम का कथित तौर पर दुरुपयोग कर फर्जी लॉगिन बनाए गए और 12 मतदाताओं के नाम हटाए गए, बिना उनकी जानकारी के।
2. फर्जी लॉगिन, संदिग्ध नंबर और स्वचालित उपकरण
राहुल गांधी ने स्लाइड्स के माध्यम से दावा किया कि कर्नाटक के बाहर के मोबाइल नंबरों और फर्जी लॉगिन का इस्तेमाल मतदाता हटाने की प्रक्रिया में किया गया। उन्होंने सूर्यकांत नामक व्यक्ति का जिक्र किया, जिसने कथित तौर पर 14 मिनट में 12 मतदाताओं को हटा दिया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूर्यकांत और एक "हटाए गए" मतदाता, बबिता चौधरी, को मंच पर लाया गया।
सबूत नंबर: 02
— कांग्रेस (@INCIndia) September 18, 2025
सूर्यकांत जी ने 12 वोटर्स को 14 मिनट में डिलीट कर दिया।
लेकिन जब हमने इनसे पूछा कि आपने ये कैसे किया?
तब इन्होंने कहा कि हमने वोटर डिलीट नहीं किए, हमें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।
: नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi
📍 दिल्ली pic.twitter.com/QnRwcH8F9E
3. केंद्रीकृत, कॉल सेंटर जैसी कार्यप्रणाली
राहुल गांधी ने दावा किया कि यह मतदाता हटाने का घोटाला एक केंद्रीकृत, सॉफ्टवेयर-आधारित ऑपरेशन है, जो संभवतः किसी कॉल सेंटर से संचालित हो रहा है। एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कई राज्यों में आवेदन दाखिल करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम मतदाताओं को हटाने और जोड़ने दोनों के लिए बनाया गया है, जिससे यह एक संगठित साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।
4. कर्नाटक सीआईडी की 18 चिट्ठियों को चुनाव आयोग ने नजरअंदाज किया
राहुल गांधी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर सीधा हमला बोला और आरोप लगाया कि वह इस घोटाले के पीछे के लोगों को बचा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक सीआईडी ने पिछले 18 महीनों में 18 पत्र लिखकर मतदाता हटाने के घोटाले से संबंधित जानकारी मांगी, लेकिन चुनाव आयोग ने कभी सार्थक जवाब नहीं दिया। सबसे हालिया रिमाइंडर सितंबर 2025 में भेजा गया था। राहुल ने सीईसी को संविधान को नष्ट करने वालों की रक्षा करने का दोषी ठहराया और एक सप्ताह के भीतर कर्नाटक सीआईडी को सबूत देने की मांग की।
5. महाराष्ट्र में फर्जी मतदाता जोड़ने का दावा
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा में फर्जी मतदाता जोड़ने का भी आरोप लगाया। उन्होंने विचित्र प्रविष्टियों का उदाहरण दिया, जैसे मतदाता का नाम 'YUH UQJJW' और पता 'सस्ती, सस्ती'। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी यही पैटर्न देखा गया है।
'हाइड्रोजन बम' का क्या?
राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि बहुप्रचारित 'हाइड्रोजन बम' अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस इसका एक हिस्सा थी, जो अकाट्य डेटा पर आधारित थी। कांग्रेस की सोशल मीडिया पोस्ट में इसे "मोदी के लिए विशेष उपहार" के रूप में प्रचारित किया गया था। इससे पहले, 7 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राहुल ने कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में 1 लाख फर्जी प्रविष्टियों, फर्जी नाम, अवैध पते, और बदले हुए सीसीटीवी फुटेज का आरोप लगाया था।
चुनाव आयोग का जवाब
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद, चुनाव आयोग ने उनके आरोपों को "गलत और आधारहीन" करार दिया। आयोग ने कहा कि सीईसी ज्ञानेश कुमार मतदाता हटाने के घोटाले में शामिल लोगों को नहीं बचा रहे हैं। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को एक सप्ताह का समय दिया है कि वह इस घोटाले में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों और ओटीपी का डेटा जारी करे, वरना यह साबित होगा कि सीईसी "वोट चोरों" को सक्रिय रूप से बचा रहा है।