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राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा': बिहार में लोकतंत्र की रक्षा का संघर्ष

राहुल गांधी ने 17 अगस्त 2025 को बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाना है। यह यात्रा 1300 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 23 जिलों से गुजरेगी। कांग्रेस का आरोप है कि इस प्रक्रिया के तहत लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित किया जा रहा है। यात्रा में विपक्षी दलों की एकजुटता भी देखने को मिलेगी, जिसमें तेजस्वी यादव जैसे नेता शामिल होंगे। जानें इस यात्रा का मार्ग और इसके पीछे का उद्देश्य।
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राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा': बिहार में लोकतंत्र की रक्षा का संघर्ष

बिहार में वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 17 अगस्त 2025 को बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' का आगाज़ किया है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य निर्वाचन आयोग द्वारा किए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में हो रही कथित गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाना है। यात्रा की शुरुआत सासाराम से हुई और यह 16 दिनों में 1300 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 23 जिलों से गुजरेगी।


लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा का अभियान

कांग्रेस का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के माध्यम से मतदाता सूचियों में हेरफेर की जा रही है, जिससे लाखों लोग, विशेषकर दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और गरीब वर्ग, अपने मताधिकार से वंचित हो रहे हैं। राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र की आत्मा पर हमला बताते हुए इसे एक जनआंदोलन का रूप दिया है। उनके अनुसार, यह यात्रा केवल एक पैदल मार्च नहीं है, बल्कि नागरिक अधिकारों की रक्षा का संघर्ष है।


विपक्ष की एकजुटता

यह यात्रा इंडिया ब्लॉक के बैनर तले आयोजित की जा रही है, जिसमें कांग्रेस के अलावा राजद नेता तेजस्वी यादव, CPI, वीआईपी और अन्य विपक्षी दलों के नेता भी शामिल होंगे। तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जनता से वोट का अधिकार छीना जा रहा है। उन्होंने राहुल गांधी के साथ इस यात्रा में कदम से कदम मिलाकर चलने का ऐलान किया।


यात्रा का मार्ग

राहुल गांधी की यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू होकर गया, नवादा, नालंदा, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, दरभंगा, सीतामढ़ी और पश्चिमी चंपारण होते हुए 1 सितंबर को पटना पहुंचेगी। यात्रा के दौरान गांधी मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसे निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। इस 1300 किमी की पदयात्रा में लगभग 50 विधानसभा और कई लोकसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है।


चुनाव आयोग और सरकार पर आरोप

दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत से मतदाता सूचियों में हेरफेर किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल वोट की चोरी नहीं, बल्कि पहचान की चोरी भी है। खेड़ा ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही चुनाव आयोग को विसंगतियों की जांच करने के लिए मजबूर होना पड़ा।


सासाराम का राजनीतिक महत्व

सासाराम से यात्रा की शुरुआत कोई संयोग नहीं है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का मानना है कि यहां से लोकतांत्रिक चेतना का संदेश पूरे बिहार में गूंजेगा। इसके अलावा, लोकसभा चुनाव में एनडीए को यहां नुकसान हुआ था, इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष इस क्षेत्र को मजबूत करना चाहता है।


जनआंदोलन का स्वरूप

कांग्रेस का कहना है कि यह यात्रा उन सभी वंचित वर्गों की आवाज़ है जिनका नाम जानबूझकर मतदाता सूची से हटाया जा रहा है। राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र, संविधान और 'एक व्यक्ति—एक वोट' की मूल भावना को बचाने का अभियान बताया है।