राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग की कड़ी प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग और राहुल गांधी के आरोप
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग और मतदाता सूची पर लगाए गए आरोपों के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बिना नाम लिए कहा कि राहुल गांधी के आरोप निराधार और झूठे हैं। उन्होंने चुनौती दी कि यदि राहुल के पास अपने दावों के समर्थन में सबूत हैं, तो उन्हें सात दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करना चाहिए, अन्यथा उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को यह समझना चाहिए कि विपक्ष का काम क्या है। आरोप चुनाव आयोग पर लगे हैं, और उन्हें सबूत पेश करने चाहिए। राहुल गांधी ने जो डेटा मांगा है, उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
सीपीआई-एम सांसद राजाराम सिंह ने कहा कि ज्ञानेश कुमार अपराधबोध में हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ऐसा अपराध किसी ने नहीं किया जैसा मौजूदा चुनाव आयोग कर रहा है। उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपराधबोध साफ झलक रहा था। हर चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाता है, लेकिन वर्तमान आयोग वोट काटने का काम कर रहा है, जिससे 65 लाख लोग वोटर लिस्ट से बाहर हो गए हैं।
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यदि नेता प्रतिपक्ष को लगता है कि वोट चोरी हो रही है, तो चुनाव आयोग को भी सबूतों के साथ सामने आना चाहिए। अखिलेश यादव ने भी एफिडेविट दिया है कि 18 हजार वोट कटे हैं, इसलिए आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि वह तथ्य प्रस्तुत करे।
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठ कब तक चलेगा, इसकी एक सीमा होती है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्था को 'चोर' कहना गलत है। यदि राहुल के पास सबूत होते, तो वह अब तक पेश कर देते।