राहुल गांधी के आरोपों पर फडणवीस का कड़ा जवाब: 'सच्चाई से मुंह मोड़ने से नहीं मिलेगी जीत'

मुख्यमंत्री का स्पष्ट बयान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के महाराष्ट्र चुनावों में 'मैच फिक्सिंग' के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने इसे तथ्यहीन और निराधार बताया, यह कहते हुए कि राहुल गांधी की यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि उन्होंने बिहार चुनाव में अपनी हार को स्वीकार कर लिया है.
जनता से जुड़ने की आवश्यकता
फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस तब तक चुनाव नहीं जीत सकती जब तक उनके नेता जनता के बीच जाकर वास्तविकता को नहीं समझते। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी केवल अपनी पार्टी को धोखा दे रहे हैं, जब वे झूठ फैलाते हैं और तथ्यों से मुंह मोड़ते हैं।"
भाजपा की शानदार जीत
2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों ने शानदार सफलता प्राप्त की। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ गठबंधन करते हुए महायुति ने 288 में से 235 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा ने अकेले 132 सीटें जीतकर अपने अब तक के सबसे बेहतरीन प्रदर्शन का रिकॉर्ड बनाया।
राहुल गांधी के आरोपों की सूची
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित अपने लेख का हवाला देते हुए भाजपा पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनडीए ने महाराष्ट्र में जीतने के लिए एक पांच-चरणीय रणनीति अपनाई, जिसमें शामिल हैं:
1. चुनाव आयोग के पैनल में बदलाव
2. मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ना
3. मतदान प्रतिशत को कृत्रिम रूप से बढ़ाना
4. भाजपा-लाभ वाले क्षेत्रों में फर्जी वोटिंग
5. सबूतों को छिपाना
राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि भविष्य के चुनावों में भी भाजपा इसी रणनीति का उपयोग करेगी और कहा, "ऐसे चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर हैं।"
सच्चाई की अहमियत
फडणवीस ने कहा कि जब तक राहुल गांधी राजनीति को गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक उनकी पार्टी केवल आरोपों और भ्रम में उलझी रहेगी। उन्होंने कहा, "अगर वे सच्चाई से मुंह मोड़ते रहेंगे, तो न तो जनता उनका साथ देगी और न ही वे कभी सफलता का अनुभव कर सकेंगे।"
धर्मेंद्र प्रधान का समर्थन
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी राहुल गांधी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की पुरानी रणनीति है, चुनाव हारने के बाद संस्थाओं पर शक करना और खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश करना। उन्होंने लिखा, "भारत का लोकतंत्र किसी एक परिवार की असुरक्षा से प्रभावित नहीं होने वाला है।"