राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर सवाल, वोट अधिकार यात्रा में की बड़ी बातें

राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर आरोप
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने रविवार (17 अगस्त) को बिहार के औरंगाबाद में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि दोनों मिलकर चुनावी धांधली कर रहे हैं और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। राहुल गांधी ने बिहार में चल रही 'वोट अधिकार यात्रा' के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं निर्वाचन आयोग से नहीं डरता। तेजस्वी यादव भी चुनाव आयोग से नहीं डरते। बिहार नहीं डरता, हमें वोट के लिए लड़ना है, हमें संविधान के लिए लड़ना है।
रैली में बोलते हुए उन्होंने बताया कि कई लोगों ने शिकायत की है कि उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “संविधान से मिले अधिकारों को छीना जा रहा है। हम आपको बिहार का असली चेहरा दिखाएंगे। बिहार ने हमेशा देश को दिशा दिखाई है।” उन्होंने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उसकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए।
राहुल गांधी का ट्विटर पर बयान
EC ने ज़िंदा लोगों को मरा हुआ घोषित कर दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 17, 2025
EC ने उन लोगों को भी वोटर लिस्ट से हटा दिया जिन्होंने अभी लोकसभा चुनाव में वोट डाला था।
EC ने एक बार फिर डिजिटल, मशीन-रीडेबल वोटर रोल देने से इनकार कर दिया।
EC अब CCTV फुटेज न देने के लिए बहाने पर बहाना बना रही है।
पहले वोट चोरी… pic.twitter.com/OjXy64cyPu
सीसीटीवी कानून पर सवाल
सीसीटीवी कानून और वोट चोरी
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के सीसीटीवी कानून में बदलाव पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब आपने सीसीटीवी कानून बनाया, तो उसे क्यों बदला? क्या आप जानते हैं कि कोई भी निर्वाचन आयोग के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर सकता? यह कानून मोदी और अमित शाह ने बनाया ताकि वोट चुराए जा सकें। लेकिन हम वोट चुराने नहीं देंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि रैली स्थल पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर भीड़ को रोकने की कोशिश की। “पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए ताकि आप आगे न आ सकें। लेकिन हम बैरिकेड्स तक पहुंचे और आप भी पहुंचे। यही बिहार की ताकत है,” उन्होंने जोरदार तालियों के बीच कहा.
चुनाव आयोग का कड़ा जवाब
चुनाव आयोग का राहुल गांधी को कड़ा जवाब
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों पर चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी। आयोग ने उन्हें सात दिनों के भीतर सबूत के साथ हलफनामा जमा करने या सार्वजनिक माफी मांगने की समय सीमा दी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “हलफनामा देना होगा या देश से माफी मांगनी होगी। कोई तीसरा विकल्प नहीं है। अगर सात दिनों के भीतर हलफनामा नहीं मिला, तो इसका मतलब है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं।”
लोकतंत्र पर उठ रहे सवाल
लोकतंत्र पर उठ रहे सवाल
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के बयानों को “संविधान का अपमान” करार देते हुए कहा कि “वोट चोरी” जैसे शब्द लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करते हैं। ज्ञानेश कुमार ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल चुनाव आयोग को राजनीतिक लाभ के लिए मतदाताओं को निशाना बनाने का मंच बना रहे हैं। यह विवाद बिहार में चल रही 'वोट अधिकार यात्रा' को और गरमा सकता है, क्योंकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई तेज करने की बात कर रहे हैं.