Newzfatafatlogo

राहुल गांधी ने ट्रंप के भारत की अर्थव्यवस्था पर बयान का समर्थन किया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को संकट में बताया। राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने अडानी के लिए अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसके पीछे के कारण भी बताए, जिसमें नोटबंदी और छोटे उद्योगों का खत्म होना शामिल है। यह बयान राजनीतिक बहस को और तेज कर सकता है।
 | 
राहुल गांधी ने ट्रंप के भारत की अर्थव्यवस्था पर बयान का समर्थन किया

राहुल गांधी का बयान

नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान का समर्थन किया है कि भारत की अर्थव्यवस्था संकट में है। उन्होंने खुशी जताई कि ट्रंप ने इस मुद्दे को उजागर किया। राहुल ने संसद परिसर में कहा, 'मुझे खुशी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने सच बताया है।' उन्होंने आगे कहा, 'सभी को पता है कि भाजपा ने अडानी के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। ट्रंप सही हैं। प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री को छोड़कर सभी जानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था संकट में है।'


ट्रंप का बयान और राजनीतिक प्रतिक्रिया

यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप ने पहले कहा था कि उन्हें यह नहीं परवाह है कि रूस और भारत अपनी संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं को कैसे संभालते हैं। बुधवार को उन्होंने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने और रूस के साथ व्यापार करने पर जुर्माना लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद से सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस चल रही है।


सोशल मीडिया पर राहुल का पोस्ट

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'भारत की अर्थव्यवस्था खत्म हो चुकी है। इसे मोदी ने नष्ट कर दिया है।' उन्होंने इसके पीछे के कारणों को भी बताया। पहले कारण के रूप में उन्होंने मोदी और अडानी की साझेदारी का उल्लेख किया। दूसरे कारण के रूप में नोटबंदी और दोषपूर्ण जीएसटी को बताया। तीसरे कारण के रूप में 'असेंबल इन इंडिया' की विफलता का जिक्र किया, जिसे राहुल ने मेक इन इंडिया का नया नाम दिया। चौथे कारण के रूप में छोटे और मझोले उद्योगों का खत्म होना और पांचवे कारण के रूप में किसानों पर दबाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मोदी ने भारत के युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है, क्योंकि रोजगार की कमी है।