राहुल गांधी ने पुतिन के दौरे पर केंद्र सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल
संसद में राहुल गांधी का बयान
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के संदर्भ में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि मैं विदेशी मेहमानों से मिलूं। यह प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्रालय की असुरक्षा का प्रतीक है।
राहुल ने आगे कहा कि हमारे सभी के साथ अच्छे संबंध हैं और लीडर ऑफ ऑपोजिशन एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। हम भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, यह केवल सरकार का काम नहीं है। उन्होंने बताया कि परंपरा के अनुसार, जो भी विदेशी मेहमान भारत आते हैं, उन्हें लीडर ऑफ ऑपोजिशन से मिलना चाहिए। यह परंपरा अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकारों के दौरान भी रही है। लेकिन वर्तमान में, जब भी मैं विदेश जाता हूं या विदेशी मेहमान आते हैं, केंद्र सरकार उन्हें लीडर ऑफ ऑपोजिशन से न मिलने की सलाह देती है। यह उनकी नीति है और वे इसे लगातार लागू कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने राहुल गांधी के पुतिन से मिलने की अनुमति देने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने लोकतंत्र की परंपराओं को नजरअंदाज कर दिया है। उन्हें लोकतंत्र या उसकी परंपराओं पर कोई विश्वास नहीं है। लोकसभा में राहुल गांधी और राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे हमारे विपक्ष के नेता हैं, लेकिन बीजेपी सरकार ने इस परंपरा को कमजोर कर दिया है, जो देश की प्रतिष्ठा के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
