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राहुल गांधी ने वोट चोरी के आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की

राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के जरिए हजारों मतदाताओं के नाम डिलीट किए जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कुछ सबूत भी पेश किए और मुख्य चुनाव आयुक्त पर आरोप लगाया कि वे इस प्रक्रिया में शामिल लोगों की रक्षा कर रहे हैं। राहुल ने यह भी कहा कि यह स्थिति अन्य राज्यों में भी देखी जा रही है। जानें पूरी कहानी में क्या है।
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राहुल गांधी ने वोट चोरी के आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की

राहुल गांधी का आरोप

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर वोट चोरी का आरोप लगाया। उन्होंने गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में सुबह 11 बजे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर छह हजार से अधिक मतदाताओं के नाम काटने के प्रयास का आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि कुल कितने नाम हटाए गए हैं, लेकिन यह संख्या अधिक हो सकती है। उन्होंने बताया कि सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के माध्यम से सॉफ्टवेयर का उपयोग कर लोगों के नाम डिलीट किए जा रहे हैं और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस प्रक्रिया में शामिल लोगों की रक्षा कर रहे हैं। इससे पहले, राहुल ने 7 अगस्त को भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।


गुरुवार को राहुल ने लगभग आधे घंटे तक वोट चोरी के आरोपों को प्रस्तुत किया और सबूत भी पेश किए। उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग जानबूझकर कांग्रेस के वोटों को निशाना बना रहा है और उनके नाम हटा रहा है।' राहुल ने मंच पर उन व्यक्तियों को भी पेश किया, जिनके नाम काटे गए हैं, साथ ही उन लोगों को भी दिखाया गया, जिनके नाम का उपयोग करके अन्य लोगों के वोट काटे गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी देखी जा रही है।


कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आलंद विधानसभा सीट के संदर्भ में कहा, '2023 के चुनाव में किसी ने 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश की। यह संख्या और भी अधिक हो सकती है। हमें नहीं पता कि कुल कितने वोट डिलीट किए गए। यह तब सामने आया जब वहां की एक बूथ लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट डिलीट हो गया है। जब उसने जांच की तो पाया कि उसके पड़ोसी ने वोट डिलीट किया था। बीएलओ ने उससे बात की, लेकिन पड़ोसी ने कहा कि उसने कोई वोट डिलीट नहीं किया। इसका मतलब है कि न तो जिसने वोट डिलीट किया और न ही जिसका वोट डिलीट हुआ, दोनों को इस बारे में जानकारी थी। वास्तव में, किसी और ताकत ने सिस्टम को हाईजैक करके ये वोट डिलीट किए थे।


राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 63 वर्षीय गोदाबाई का वीडियो दिखाया गया, जिसमें उन्होंने कहा, 'मेरा वोट डिलीट किया गया। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है।' राहुल ने दावा किया कि गोदाबाई के नाम से फेक लॉगिन बनाया गया और 12 वोटर्स के नाम डिलीट किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि आलंद में जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए, उनके लिए दूसरे राज्यों में सक्रिय मोबाइल नंबर का उपयोग किया गया। राहुल ने प्रजेंटेशन में उनके नंबर भी साझा किए। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों की मदद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'मैं ज्ञानेश कुमार के खिलाफ इतने सीधे आरोप क्यों लगा रहा हूं? कर्नाटक में इस मामले की जांच चल रही है। कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे हैं। कुछ बहुत ही सरल तथ्य मांगे गए हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने उन्हें नहीं दिया। ऐसा क्यों किया जा रहा है, क्योंकि इससे हमें पता चलेगा कि यह ऑपरेशन कहां से संचालित हो रहा है।