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रूस की परमाणु पनडुब्बियों की सुरक्षा पर पुतिन का बड़ा बयान

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में अपनी परमाणु पनडुब्बियों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ये पनडुब्बियां आर्कटिक की बर्फ के नीचे बिना किसी विदेशी रडार के पकड़ में आए चल सकती हैं। पुतिन ने आर्कटिक क्षेत्र के महत्व और अनुसंधान की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जानें इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और रूस की सैन्य ताकत के बारे में और क्या कहा गया है।
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रूस की परमाणु पनडुब्बियों की सुरक्षा पर पुतिन का बड़ा बयान

रूस की आक्रामकता और परमाणु पनडुब्बियों की सुरक्षा

मास्को - वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में रूस अपने आक्रामक रुख के कारण सबसे अधिक चर्चा में है। यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष को अमेरिका और यूरोप रोकने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन रूस ने अपनी शर्तें स्पष्ट कर दी हैं। रूस अपने अत्याधुनिक हथियारों के लिए भी जाना जाता है। यूक्रेन के साथ युद्धविराम की कोशिशों के बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी परमाणु पनडुब्बियों की सुरक्षा का दावा किया है।


पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि रूसी परमाणु पनडुब्बियां आर्कटिक की बर्फ के नीचे बिना किसी विदेशी रडार के पकड़ में आए चल सकती हैं। यह स्थिति हमें अन्य देशों की तुलना में अधिक ताकतवर बनाती है। मॉस्को के सरोव में न्यूक्लियर सेक्टर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में, पुतिन ने आर्कटिक क्षेत्र की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आर्कटिक अनुसंधान अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि बर्फ के पिघलने से नौवहन मार्ग अधिक सुलभ हो रहे हैं, जिनका कई देश उपयोग करना चाहते हैं।


अपने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए, पुतिन ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, हम यहां लाभ में हैं। रूस एकमात्र ऐसा देश है जो परमाणु ऊर्जा से चलने वाले आइसब्रेकर बेड़े का संचालन कर रहा है। 2000 के दशक से, रूस ने आठ बोरेई-श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियां बनाई हैं, जिनमें से सबसे हालिया पोत, क्यनाज पॉजर्स्की, पिछले साल लॉन्च किया गया था, जबकि दो अभी निर्माणाधीन हैं। पुतिन ने पिछले महीने कहा था कि ये पनडुब्बियां बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस हैं, जिनकी मारक क्षमता 8,000 किमी (4,970 मील) तक है। रूस और अमेरिका सहित कई देशों ने हाल के वर्षों में आर्कटिक के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया है।