रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान की दिशा में नई पहल
रूस-यूक्रेन युद्ध के चार साल बाद, अमेरिका ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर सहमति जताई है। बर्लिन में हुई वार्ता में राष्ट्रपति ट्रंप ने भी भाग लिया। इस वार्ता में यूक्रेन की सुरक्षा के लिए ठोस गारंटी की आवश्यकता पर सहमति बनी है। हालांकि, रूस की प्रतिक्रिया और कई संवेदनशील मुद्दों पर सहमति बनाना अभी बाकी है। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के सभी पहलुओं के बारे में।
| Dec 16, 2025, 22:34 IST
यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर अमेरिका की सहमति
लगभग चार वर्षों से चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मोड़ आ गया है। अमेरिका ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने के लिए सैद्धांतिक सहमति व्यक्त की है, हालांकि इन गारंटियों का विस्तृत विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। यह जानकारी बर्लिन में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ हालिया बातचीत के बाद अमेरिकी अधिकारियों द्वारा साझा की गई है।
वार्ताओं में सहमति और मतभेद
सूत्रों के अनुसार, इन वार्ताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ और जैरेड कुशनर शामिल थे। बातचीत के दौरान यूक्रेन की सुरक्षा के लिए ठोस गारंटी की आवश्यकता पर सहमति बनी है। इसके अलावा, रूस द्वारा डोनबास क्षेत्र के संबंध में रखी गई शर्तों पर भी मतभेद कम हुए हैं।
ट्रंप का समर्थन और आगामी वार्ताएं
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार शाम को वार्ताकारों और यूरोपीय नेताओं के साथ एक डिनर चर्चा में वीडियो कॉल के माध्यम से भाग लिया। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इस सप्ताहांत अमेरिका में, संभवतः मियामी में, बातचीत का अगला दौर आयोजित किया जा सकता है। ट्रंप ने कहा कि शांति समझौते के लिए अब तक की सबसे अधिक प्रगति हुई है और यूरोपीय देशों का समर्थन भी मजबूत है।
सुरक्षा गारंटी का प्रस्ताव
अमेरिकी पक्ष ने स्पष्ट किया है कि यूक्रेन को दी जाने वाली सुरक्षा गारंटी अनिश्चित काल तक नहीं रहेगी। यह प्रस्ताव अमेरिकी सीनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इसे औपचारिक संधि के रूप में पारित किया जाएगा या नहीं।
यूरोपीय नेताओं का संयुक्त बयान
बर्लिन में जारी एक संयुक्त बयान में यूरोपीय नेताओं ने कहा है कि यूरोप और अमेरिका मिलकर यूक्रेन के लिए एक मजबूत सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए तैयार हैं। इसमें एक बहुराष्ट्रीय बल शामिल हो सकता है, जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त होगा। इस बल की भूमिका यूक्रेन के भीतर संचालन, उसकी सैन्य क्षमताओं के पुनर्निर्माण, हवाई सुरक्षा और समुद्री मार्गों की सुरक्षा तक फैली होगी।
यूक्रेन की सेना की संख्या
प्रस्तावित व्यवस्था के तहत यूक्रेनी सेना की शांति काल की संख्या लगभग आठ लाख रखी जा सकती है। अमेरिकी वार्ताकारों के साथ नाटो के शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल एलेक्सस ग्रिंकविच भी मौजूद रहे, जिन्होंने सुरक्षा व्यवस्था के पहलुओं पर चर्चा की है।
यूक्रेन के लिए युद्ध के बाद की सुरक्षा
यूक्रेन के लिए युद्ध के बाद की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने इसे अमेरिका और यूरोप के बीच एक अभूतपूर्व सहमति बताया है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जोर दिया है कि सुरक्षा आश्वासन कानूनी रूप से बाध्यकारी होना चाहिए और अमेरिकी संसद का समर्थन आवश्यक है।
रूस की प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, रूस नाटो देशों की सेनाओं की यूक्रेन में तैनाती के खिलाफ है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि शांति योजना के लगभग 90 प्रतिशत बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है और रूस ने यूक्रेन के यूरोपीय संघ में शामिल होने को लेकर नरम रुख दिखाया है।
पुतिन का दृष्टिकोण
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन की नाटो सदस्यता को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि शांति वार्ता की समय-सीमा तय करना मुश्किल है, लेकिन रूस गंभीर समाधान के लिए तैयार है।
अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की दिशा
कुल मिलाकर, बर्लिन में हुई यह बातचीत संकेत देती है कि लंबे समय से अटके यूक्रेन संकट के समाधान की दिशा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस प्रयास हो रहे हैं, हालांकि अंतिम समझौते तक पहुंचने के लिए कई संवेदनशील मुद्दों पर सहमति बनाना अभी बाकी है।
