रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा: महत्वपूर्ण समझौतों की श्रृंखला
भारत यात्रा के दौरान पुतिन के साथ महत्वपूर्ण समझौते
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के बाद अपनी पहली यात्रा पर भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते वैश्विक दबाव और अमेरिकी टैरिफ की चुनौतियों के बीच भारत के लिए आर्थिक, सामरिक और ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
तेल आपूर्ति, न्यूक्लियर रिएक्टर तकनीक, संयुक्त हथियार उत्पादन और नए व्यापारिक रास्तों के संबंध में लिए गए निर्णयों ने भारत-रूस संबंधों को और अधिक मजबूत किया है.
ऊर्जा आपूर्ति में रूस का भरोसा
भारत और रूस के बीच सबसे महत्वपूर्ण समझौता ऊर्जा आपूर्ति के क्षेत्र में हुआ है। रूस ने स्पष्ट किया है कि वह भारत को कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और पेट्रोकेमिकल उत्पाद पहले की तरह उपलब्ध कराता रहेगा। पश्चिमी देशों के दबाव और अमेरिकी टैरिफ के बावजूद, यह घोषणा भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। भारत पहले से ही रूस से सस्ती दरों पर बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा है, और यह संबंध भविष्य में और मजबूत होगा.
न्यूक्लियर रिएक्टर तकनीक में सहयोग
भारत ने छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जो 2047 तक 100 गीगावाट बिजली उत्पादन में सहायता करेंगे। रूस ने इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का आश्वासन दिया है। इस तकनीक में रूस को अग्रणी माना जाता है, जिससे यह साझेदारी भारत की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को नई दिशा देगी। वर्तमान में, भारत केवल आठ गीगावाट बिजली छोटे रिएक्टरों से उत्पन्न कर पाता है.
व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य
भारत और रूस के बीच वार्षिक व्यापार लगभग 70 अरब डॉलर है, जिसमें भारत का व्यापार घाटा शामिल है। अब लक्ष्य इसे 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। इसके तहत वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही को तेज किया जाएगा। खास बात यह है कि 96 प्रतिशत व्यापार रुपये और रूबल में होने लगा है, जिससे डॉलर पर निर्भरता कम हो रही है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा.
हथियार निर्माण और अंतरिक्ष सहयोग
भारत अब रूस से केवल हथियार नहीं खरीदेगा, बल्कि 'मेक इन इंडिया' के तहत कई रक्षा उपकरण भारत में ही बनाएगा। दोनों देश को-डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन मॉडल पर काम करेंगे। ब्रह्मोस मिसाइल इसका एक बड़ा उदाहरण है। अंतरिक्ष क्षेत्र में भी दोनों देश मानव अंतरिक्ष मिशन, नेविगेशन और रॉकेट इंजन तकनीक पर सहयोग बढ़ाएंगे, जो भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को मजबूत करेगा.
रोजगार, कूटनीति और व्यापार कॉरिडोर की बड़ी घोषणाएं
रूस ने भारतीय श्रमिकों को अपने देश में बड़े पैमाने पर रोजगार देने की घोषणा की है। रूस की जनसंख्या में कमी भारत के युवाओं के लिए नए अवसर पैदा कर रही है। इसके साथ ही, दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का संकल्प दोहराया है। सबसे बड़ा ढांचा संबंधी निर्णय इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) को गति देना है, जिससे भारत-रूस व्यापार का समय 35 दिनों से घटकर 20-25 दिन रह जाएगा.
