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रॉबर्ट वाड्रा के विवादास्पद बयान पर केस दर्ज, अगली सुनवाई 20 जून को

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर विवादास्पद बयान दिया, जिसके बाद हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने उनके खिलाफ लखनऊ की सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज कराया। कोर्ट ने इस मामले को स्वीकार कर लिया है और अगली सुनवाई 20 जून को होगी। वाड्रा के बयान को भड़काऊ बताते हुए तिवारी ने कहा कि यह देश की एकता के लिए खतरा है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और वाड्रा के बयान का प्रभाव।
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रॉबर्ट वाड्रा के विवादास्पद बयान पर केस दर्ज, अगली सुनवाई 20 जून को

रॉबर्ट वाड्रा का विवादास्पद बयान

रॉबर्ट वाड्रा: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर उनके द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान के चलते हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने लखनऊ की सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया है। कोर्ट ने इस मामले को स्वीकार कर लिया है और अगली सुनवाई की तारीख 20 जून निर्धारित की गई है।


वाड्रा का बयान और उसका प्रभाव

23 अप्रैल को रॉबर्ट वाड्रा ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने हिंदुओं को उनकी पहचान के आधार पर निशाना बनाया, क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा है। वाड्रा ने यह भी कहा कि यह हमला पीएम मोदी के लिए एक संदेश है, क्योंकि सरकार हिंदुत्व की बात करती है। उनके इस बयान ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया, विशेषकर उन परिवारों में जिन्होंने इस हमले में अपने प्रियजनों को खोया।


हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की प्रतिक्रिया

यह बयान भड़काऊ और देश की एकता के लिए खतरा: तिवारी

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के राष्ट्रीय संयोजक कुलदीप तिवारी ने वाड्रा के बयान को भड़काऊ और देश की एकता के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल हिंदू समुदाय का अपमान करता है, बल्कि आतंकी हमले को सही ठहराने का प्रयास भी करता है। संगठन ने पहले लखनऊ के हजरतगंज थाने में वाड्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो उन्होंने सीजेएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।


कोर्ट की कार्रवाई

कोर्ट ने केस स्वीकार किया

कुलदीप तिवारी ने हाईकोर्ट के अभियोक्ता शेखर निगम और प्रियंका राव के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया है कि वाड्रा का बयान देश की एकता, अखंडता और धर्मनिरपेक्षता पर हमला है। यह बयान अलगाववादी भावनाओं को भड़काने वाला और गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा करने वाला है। कोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 (4) के तहत इस केस को स्वीकार कर लिया है।


हाईकोर्ट का आदेश

हाईकोर्ट ने दिया था केस दर्ज करने का आदेश

इससे पहले हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और हाईकोर्ट की अभियोक्ता रंजना अग्निहोत्री ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में यह मामला उठाया था। 2 मई को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि वाड्रा के खिलाफ उचित आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। इसी आदेश के आधार पर यह केस दर्ज किया गया है।


आतंकी हमले का संदर्भ

इससे पहले भी कई अहम मुद्दों पर याचिका दायर की

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। आतंकियों ने पर्यटकों की धार्मिक पहचान पूछकर उनकी हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। वाड्रा के बयान की न केवल पीड़ित परिवारों ने बल्कि पूरे देश ने कड़ी निंदा की थी। कुलदीप तिवारी, जो हिंद साम्राज्य पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि वह इस मामले में न्याय के लिए अंत तक लड़ेंगे। तिवारी ज्ञानवापी, मथुरा और भोजशाला जैसे मुद्दों पर भी याचिकाकर्ता रह चुके हैं।