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रोहिणी आचार्य ने किडनी दान पर उठे सवालों का दिया करारा जवाब

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी दान करने के बारे में चल रही अफवाहों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने विरोधियों को चुनौती दी है कि यदि कोई यह साबित कर दे कि उन्होंने अपने पिता को किडनी नहीं दी है, तो वह राजनीति छोड़ देंगी। रोहिणी ने यह भी कहा कि उनके लिए आत्म-सम्मान और परिवार की प्रतिष्ठा सबसे महत्वपूर्ण है। जानें पूरी कहानी में क्या है।
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रोहिणी आचार्य ने किडनी दान पर उठे सवालों का दिया करारा जवाब

रोहिणी आचार्य की चुनौती

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी और सारण से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी दान करने के संबंध में चल रही अफवाहों पर पहली बार तीखी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं से आहत होकर, रोहिणी ने अपने विरोधियों को खुली चुनौती दी है कि यदि कोई यह साबित कर दे कि उन्होंने अपने पिता को किडनी नहीं दी है, तो वह हमेशा के लिए राजनीति और सार्वजनिक जीवन से अलग हो जाएंगी।


बुधवार को जारी एक बयान में रोहिणी आचार्य ने कहा, "मैं उन सभी लोगों को चुनौती देती हूं जो गंदी सोच रखते हैं और ऐसे लोगों को समर्थन देते हैं। यदि कोई यह साबित कर दे कि मैंने अपने या किसी और के लिए कभी कुछ मांगा हो या मेरे द्वारा अपने आदरणीय पिता को किडनी दिया जाना झूठ है, तो मैं राजनीति और सार्वजनिक जीवन से खुद को अलग कर लूंगी।"


उन्होंने आगे कहा, "यदि आरोप लगाने वाले अपने झूठ और दुष्प्रचार को साबित नहीं कर पाते, तो उनमें साहस होना चाहिए कि वे सार्वजनिक रूप से मुझसे और देश की हर मां-बहन-बेटी से माफी मांगें और भविष्य में किसी भी महिला के बारे में अपमानजनक बातें फैलाने का प्रण लें।"


यह पहली बार नहीं है जब रोहिणी ने इन अफवाहों पर प्रतिक्रिया दी है। इससे पहले 21 सितंबर को भी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट लिखकर इसे अपनी छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया था। उन्होंने कहा था, "मेरे संदर्भ में ट्रोलर्स और पार्टी हड़पने की मंशा रखने वालों द्वारा फैलाई जा रहीं तमाम अफवाहें निराधार हैं। मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा न कभी रही थी, न है और न ही आगे रहेगी।"


उस पोस्ट में उन्होंने स्पष्ट किया था कि न तो उन्हें विधायक का प्रत्याशी बनना है, न राज्यसभा की सदस्यता चाहिए और न ही सरकार में किसी पद की लालसा है। उन्होंने कहा, "मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान, मेरे माता-पिता के प्रति सम्मान व समर्पण और मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि है।"