लद्दाख मुद्दों पर गृह मंत्रालय का बयान: संवाद की प्रतिबद्धता

गृह मंत्रालय का लद्दाख पर बयान
गृह मंत्रालय का लद्दाख पर बयान: गृह मंत्रालय ने लद्दाख से संबंधित मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार संवाद के लिए हमेशा तत्पर रही है और आगे भी रहेगी। यह स्पष्ट किया गया कि एपेक्स बॉडी लेह (ABL) और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) के साथ उच्चस्तरीय समिति (HPC) के माध्यम से जो वार्ता तंत्र स्थापित किया गया है, उसने कई सकारात्मक परिणाम दिए हैं।
बयान में यह भी कहा गया है कि सरकार चाहती है कि लद्दाख से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा और समाधान आपसी बातचीत के माध्यम से हो। इसके लिए HPC सहित किसी भी उपयुक्त मंच पर सरकार, ABL और KDA के साथ संवाद के लिए हमेशा तैयार है।
वार्ता के सकारात्मक परिणाम
वार्ता के सकारात्मक परिणामों का उल्लेख
गृह मंत्रालय ने वार्ताओं के परिणामों का उल्लेख करते हुए बताया कि इन चर्चाओं के माध्यम से लद्दाख के अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण में वृद्धि की गई है। इसके अलावा, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषदों (LAHDCs) में महिलाओं को आरक्षण दिया गया है और स्थानीय भाषाओं को सुरक्षा प्रदान की गई है। मंत्रालय ने इसे लद्दाख के सामाजिक और सांस्कृतिक हितों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।
रोजगार सृजन के लिए कदम
रोजगार के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं
बयान में यह भी बताया गया कि केंद्र सरकार ने लद्दाख में युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इस दिशा में, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 1800 सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। इसे रोजगार के अवसर बढ़ाने और स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि आगे भी बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे सकारात्मक और ठोस परिणाम सामने आएंगे। बयान में कहा गया, 'हमें विश्वास है कि सतत संवाद से निकट भविष्य में अपेक्षित परिणाम प्राप्त होंगे।' कुल मिलाकर, केंद्र ने यह स्पष्ट किया है कि लद्दाख के लोगों की चिंताओं और मांगों को गंभीरता से सुना जा रहा है और सरकार बातचीत के माध्यम से उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
ABL की वार्ता से हटने की घोषणा
ABL ने वार्ता से हटने की बात कही
यह ध्यान देने योग्य है कि अपेक्स बॉडी लेह ने केंद्र सरकार के साथ अगली बातचीत से हाथ खींच लिया है। ABL और KDA ने 24 सितंबर को सुरक्षा बलों की फायरिंग में चार लोगों की मौत और लगभग 90 लोगों के घायल होने की घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है।