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लद्दाख में राज्य के दर्जे की मांग को लेकर प्रदर्शन, हिंसा में 4 की मौत

लद्दाख में राज्य के दर्जे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 70 अन्य घायल हुए। प्रदर्शनकारी भाजपा कार्यालय में आग लगाते हुए अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे। इस आंदोलन का नेतृत्व सोनम वांगचुक कर रहे हैं, जो पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। केंद्र सरकार ने इस मामले पर निर्णय के लिए 6 अक्टूबर की तारीख तय की है, लेकिन प्रदर्शनकारी तत्काल समाधान की मांग कर रहे हैं।
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लद्दाख में राज्य के दर्जे की मांग को लेकर प्रदर्शन, हिंसा में 4 की मौत

लद्दाख में प्रदर्शन की स्थिति

जम्मू। लद्दाख में बुधवार को राज्य के पूर्ण दर्जे की मांग को लेकर लेह में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी और एक CRPF वाहन को भी जलाया।


भूख हड़ताल और हिंसा का कारण

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। इस हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की जान चली गई है, जबकि 70 अन्य घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। एक CRPF जवान भी इस घटना में घायल हुआ है।


लेह में तनाव का कारण

आज सुबह लेह में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और एक CRPF वाहन को आग के हवाले कर दिया। यह राज्य के दर्जे के लिए चल रहे आंदोलन के दौरान हुई पहली हिंसक घटना है।


महिलाओं की भागीदारी

प्रदर्शन के दौरान दो महिला प्रदर्शनकारी बेहोश हो गईं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद सभा में अशांति फैल गई, जिससे लेह हिल काउंसिल भवन पर पथराव हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई।


केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व लद्दाख के लोग कर रहे हैं, जो राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं। आयोजकों ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस मामले पर निर्णय के लिए 6 अक्टूबर की तारीख तय की है, लेकिन प्रदर्शनकारी इससे पहले समाधान की मांग कर रहे हैं।


कारगिल में समर्थन

कारगिल में आयोजन समिति के सदस्य सज्जाद करगली ने कहा कि आंदोलन के समर्थन में गुरुवार को कारगिल पूरी तरह बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन तेजी से बढ़ रहा है और एकजुटता दिखाने के लिए यह कदम उठाया गया है।


प्रदर्शन में भागीदारी

पिछले दो हफ्तों से इस विरोध प्रदर्शन में भारी भीड़ उमड़ रही है, जिसमें पुरुष, महिलाएं और युवा सभी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। प्रदर्शनकारी लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा और राजनीतिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों ने संवेदनशील इमारतों और विरोध स्थलों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है।