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लालू प्रसाद यादव और परिवार के खिलाफ लैंड फॉर जॉब मामले में सुनवाई तेज

दिल्ली की राउज एवेन्यू स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ लैंड फॉर जॉब मामले में प्रतिदिन सुनवाई का आदेश दिया है। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी देने के बदले अपने परिवार के नाम पर जमीनें ली थीं। जानें इस हाई-प्रोफाइल केस की पूरी जानकारी और इसके संभावित परिणाम।
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लालू प्रसाद यादव और परिवार के खिलाफ लैंड फॉर जॉब मामले में सुनवाई तेज

लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में तेजी

नई दिल्ली: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की समस्याएं बढ़ने वाली हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में 13 अक्टूबर से प्रतिदिन सुनवाई करने का निर्णय लिया है।


कोर्ट के इस आदेश के बाद अब लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, तथा बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के खिलाफ चल रहे इस हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई में तेजी आएगी। 20 सितंबर को दिए गए आदेश में कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को निर्देश दिया कि आरोपियों को केस से संबंधित सभी दस्तावेजों की स्पष्ट और पढ़ने योग्य कॉपी उपलब्ध कराई जाए।


यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए बिना किसी विज्ञापन के कई लोगों को ग्रुप 'डी' में नौकरी देने के बदले रिश्वत के रूप में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीनें और संपत्तियां ली थीं। ये भर्तियां मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में की गई थीं।


इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी दोनों कर रही हैं। ईडी ने पहले ही मामले में चार्जशीट और एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है। अब कोर्ट द्वारा प्रतिदिन सुनवाई का आदेश दिए जाने के बाद यह स्पष्ट है कि लालू परिवार के खिलाफ चल रहा यह मामला निर्णायक मोड़ की ओर तेजी से बढ़ेगा।