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लालू यादव परिवार में मचा घमासान, रोहिणी आचार्य ने लगाए गंभीर आरोप

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में भारी उथल-पुथल मची हुई है। रोहिणी आचार्य ने अपने भाई तेजस्वी यादव और अन्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे परिवार में घमासान मच गया है। रमीज नेमत, जिन पर हत्या के कई मामले हैं, का नाम बार-बार लिया जा रहा है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक निहितार्थ।
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लालू यादव परिवार में मचा घमासान, रोहिणी आचार्य ने लगाए गंभीर आरोप

बिहार चुनाव के बाद का संकट


पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव के परिवार में भारी उथल-पुथल मची हुई है। इस स्थिति को बयां करने के लिए कोई भी शब्द कम पड़ रहा है। जैसे ही 14 नवंबर को चुनाव परिणाम आए और एनडीए ने शानदार जीत हासिल की, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि राजद में हलचल होगी। और वास्तव में, लालू का परिवार अब आपसी संघर्ष का केंद्र बन गया है। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने भाई तेजस्वी यादव और अन्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं।


रोहिणी आचार्य ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें परिवार से बाहर कर दिया गया है और अब उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं लेनी है। उन्होंने बार-बार रमीज नेमत और संजय यादव का नाम लिया, जिन पर उन्होंने आरोप लगाए हैं।


रमीज नेमत, जिन पर रोहिणी ने आरोप लगाया है, का संबंध उत्तर प्रदेश से है। उन पर हत्या के कई मामले दर्ज हैं और गैंगस्टर एक्ट के तहत भी आरोप हैं। 2021 में बलरामपुर में हुई हिंसा में भी उनका नाम आया था। वह तेजस्वी यादव की टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं और इस बार उनके ‘वार रूम’ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।


रमीज नेमत का आपराधिक इतिहास

रमीज नेमत का परिवार बलरामपुर जिले से है, जो नेपाल की सीमा के निकट स्थित है। उनके ससुर, रिजवान जहीर, समाजवादी पार्टी के नेता और बलरामपुर के पूर्व सांसद हैं। रमीज पर 2022 में तुलसीपुर नगर पंचायत के चेयरमैन फिरोज ‘पप्पू’ की हत्या का आरोप है। इस हत्या के पीछे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का कारण बताया जाता है।


रमीज और जेबा रिजवान, जो इस समय जमानत पर हैं, पर कुल 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। लखनऊ में इस मामले को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, क्योंकि रमीज की भूमिका तेजस्वी यादव की राजनीतिक रणनीतियों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


रमीज नेमत, जमानत पर होने के बावजूद, अपने ससुर के राजनीतिक कनेक्शन का उपयोग कर बलरामपुर की राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।