लुधियाना उपचुनाव: कांग्रेस ने पंजाब सरकार की विफलताओं पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता का नामांकन
लुधियाना: लुधियाना पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियाँ तैयार कर ली हैं। नामांकन प्रक्रिया के चौथे दिन, कांग्रेस के उम्मीदवार भारत भूषण आशु ने अपना नामांकन पत्र भरा। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी भी मौजूद थे। इससे पहले, स्वतंत्र उम्मीदवार इंजी. बलदेव राज कतना ने भी नामांकन दाखिल किया था।
राजा वडिंग का बयान
राजा वडिंग ने कहा कि वर्तमान सरकार हर मोर्चे पर असफल रही है और जनता अब कांग्रेस की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। नामांकन की अंतिम तिथि दो जून है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच तीन जून को होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि पांच जून है। मतदान 19 जून को होगा और परिणाम 23 जून को घोषित किए जाएंगे।
उपचुनाव का महत्व
यह उपचुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की हत्या के बाद यह सीट खाली हुई है। आप, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस सीट पर मुकाबला काफी कड़ा होने की उम्मीद है, क्योंकि कांग्रेस और अकाली दल ने मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं।
1977 से अब तक का सफर
लुधियाना पश्चिम विधानसभा क्षेत्र का गठन 1977 में हुआ था। अब तक इस सीट पर नौ बार चुनाव हो चुके हैं। पहले विधायक ए विश्वनाथन थे, जिन्होंने जेएनपी पार्टी के तहत जीत हासिल की थी। इसके बाद कांग्रेस के जोगिंदर पाल पांडे ने 1980 में जीत दर्ज की।