लुधियाना वेस्ट उपचुनाव: भाजपा और अकाली दल के लिए नई राजनीतिक दिशा

उपचुनाव का महत्व
लुधियाना वेस्ट सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव ने भाजपा और अकाली दल की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की संभावना पैदा की है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया, जिन्होंने 35 हजार से अधिक वोट प्राप्त किए। उनके सामने कांग्रेस के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु थे, जिन्होंने 24 हजार से अधिक वोट हासिल किए। भाजपा के उम्मीदवार जीवन गुप्ता को 20,323 वोट मिले, जिससे वे तीसरे स्थान पर रहे। वहीं, अकाली दल के परूपकार सिंह घूमन को 8,200 वोट मिले। यदि भाजपा और अकाली दल एकजुट होकर चुनाव लड़ते, तो उनके उम्मीदवार को दूसरे स्थान पर रहने का मौका मिलता और हार का अंतर केवल 7,000 वोट होता।
भाजपा और अकाली दल की संभावित साझेदारी
इस परिणाम के बाद भाजपा और अकाली दल के बीच फिर से गठबंधन की चर्चा शुरू हो गई है। पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच कई बार बातचीत हुई थी, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई थी। ऐसा माना जा रहा है कि अकाली दल को अब भी यह महसूस होता है कि किसानों में भाजपा के प्रति नाराजगी है। इसके अलावा, भाजपा अब खुद को तीसरे नंबर की पार्टी के रूप में देख रही है और अकाली दल के साथ बराबरी का समझौता चाहती है। लुधियाना वेस्ट में भाजपा को 20 हजार और अकाली दल को 8 हजार वोट मिले। यदि दोनों दल मिलकर कोई रणनीति बनाते हैं, तो अगले चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है, जिससे किसी भी पार्टी की जीत संभव है।