लेह में जेन-जी का प्रदर्शन: मोदी सरकार के खिलाफ उठी आवाज़

लेह में जेन-जी का विरोध प्रदर्शन
लेह में जेन-जी का प्रदर्शन: लद्दाख के लेह में बुधवार को जेन-जी ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने एक CRPF वाहन को आग लगा दी। उनका कहना है कि जब तक उन्हें पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जाता, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
It’s time the Government of India undertakes a sincere and thorough appraisal of what has truly changed since 2019. This video isn’t from the Kashmir Valley considered the epicentre of unrest but from the heart of Ladakh, where angry protesters have set police vehicles and a BJP… pic.twitter.com/nJMmCA7oOA
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 24, 2025
इस बीच, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि भारत सरकार को अब ईमानदारी से यह समझना चाहिए कि 2019 के बाद क्या बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि यह वीडियो कश्मीर घाटी का नहीं है, बल्कि लद्दाख का है, जहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों और बीजेपी कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि लेह, जो पहले शांतिपूर्ण आंदोलनों के लिए जाना जाता था, अब हिंसक प्रदर्शनों की ओर बढ़ रहा है। लोग खुद को ठगा हुआ और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को अब रोज़मर्रा की संकट प्रबंधन की राजनीति से आगे बढ़कर इस असंतोष की जड़ तक पहुंचना चाहिए और इसे तुरंत और पारदर्शी तरीके से हल करना चाहिए।
कश्मीर में धारणा: राज्य का दर्जा बहाल नहीं होगा
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में यह धारणा बन रही है कि राज्य का दर्जा बहाल नहीं होगा क्योंकि बीजेपी हार गई है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता शेख बशीर अहमद का बयान
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता शेख बशीर अहमद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार इस मांग को अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 के फैसले को लद्दाख के लोगों ने स्वीकार नहीं किया है।
NC विधायक तनवीर सादिक का बयान
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने कहा कि लद्दाख के लोगों के साथ गलत हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार लद्दाख के लोगों के साथ बातचीत करेगी।
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया था, जिसके बाद इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। तब से दोनों राज्यों में पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग उठती रही है।