लोकपाल ऑफ इंडिया ने खरीदीं 7 लग्जरी BMW कारें, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में क्या है इनकी भूमिका?

लोकपाल का भव्य कदम: BMW कारों की खरीद
लोकपाल ऑफ इंडिया, जो देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा कवच माना जाता है, ने अपने कार्यालय के लिए सात शानदार BMW 3 Series 330 Li कारों की खरीद का टेंडर जारी किया है। इनकी अनुमानित लागत लगभग 5 करोड़ रुपये है। यह निर्णय न केवल चर्चा का विषय बना है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा कर रहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में इतनी महंगी गाड़ियों की आवश्यकता क्यों है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह टेंडर 16 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया था। दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि लोकपाल ऑफ इंडिया प्रतिष्ठित कंपनियों से इन कारों की आपूर्ति के लिए ओपन टेंडर आमंत्रित कर रहा है। गाड़ियों का मॉडल स्पोर्ट (लॉन्ग व्हीलबेस) और रंग सफेद निर्धारित किया गया है।
5 करोड़ की लागत, सात BMW कारें
लोकपाल ने सात BMW 3 Series 330 Li कारों की खरीद के लिए टेंडर निकाला है, जिनमें से प्रत्येक की ऑन-रोड कीमत लगभग 70 लाख रुपये है। कुल मिलाकर इन गाड़ियों की लागत 4.9 से 5 करोड़ रुपये के बीच है। ये कारें अपनी शानदार डिजाइन और प्रदर्शन के लिए जानी जाती हैं, और इन्हें लक्जरी और आराम का प्रतीक माना जाता है।
BMW 3 Series LWB की विशेषताएँ
BMW की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, 3 Series लॉन्ग व्हीलबेस (LWB) मॉडल इस वर्ष की शुरुआत में भारत में लॉन्च हुआ था। यह अपनी श्रेणी की सबसे लंबी सेडान है, जो पीछे की सीट पर बैठने वालों के लिए अधिकतम स्थान प्रदान करती है। कंपनी इसे लक्जरी और आराम का आदर्श संयोजन बताती है। इस कार में 2.0 लीटर का पेट्रोल इंजन है, जो 258 bhp की शक्ति और 400 Nm टॉर्क प्रदान करता है। यह गाड़ी केवल 6.2 सेकंड में 0 से 100 km/hr की गति पकड़ लेती है। इसके अलावा, इसमें 12.3 इंच का डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, 14.9 इंच का इंफोटेनमेंट सिस्टम, पैनोरमिक सनरूफ, एम्बियंट लाइटिंग, और थ्री-जोन क्लाइमेट कंट्रोल जैसी सुविधाएँ इसे और भी खास बनाती हैं।
30 दिनों में डिलीवरी का लक्ष्य
टेंडर दस्तावेज में स्पष्ट निर्देश है कि ये गाड़ियां दिल्ली के वसंत कुंज स्थित लोकपाल ऑफिस में अधिकतम 30 दिनों के भीतर डिलीवर होनी चाहिए। इसके अलावा, लोकपाल ने कहा है कि यदि डिलीवरी दो हफ्तों में हो जाए तो यह और भी बेहतर होगा। इसका मतलब है कि जल्द ही लोकपाल के कार्यालय की पार्किंग में इन शानदार गाड़ियों की चमक देखने को मिल सकती है।
ड्राइवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण
लोकपाल ने केवल गाड़ियों की खरीद तक ही सीमित नहीं रखा है। टेंडर में यह भी शर्त है कि चुनी गई एजेंसी को ड्राइवरों और संबंधित कर्मचारियों के लिए सात दिनों का प्रशिक्षण आयोजित करना होगा। इस प्रशिक्षण में BMW गाड़ियों को सुरक्षित और सही तरीके से चलाने के लिए व्यावहारिक और सैद्धांतिक दोनों प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह प्रशिक्षण गाड़ियों की डिलीवरी के 15 दिनों के भीतर पूरा करना होगा, और इसकी तारीखें लोकपाल कार्यालय के साथ मिलकर तय की जाएंगी।
लोकपाल का मिशन और नेतृत्व
लोकपाल ऑफ इंडिया का गठन लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों, जैसे प्रधानमंत्री, सांसदों, और शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना और कार्रवाई करना है। वर्तमान में लोकपाल की कमान जस्टिस (सेवानिवृत्त) प्रदीप कुमार मोहंती के हाथों में है। उनके नेतृत्व में सात सदस्य कार्यरत हैं, जिनमें चार न्यायिक और तीन गैर-न्यायिक सदस्य शामिल हैं। लोकपाल चेयरपर्सन को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समान वेतन और सुविधाएं मिलती हैं, जबकि अन्य सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर सुविधाएं दी जाती हैं।
क्या है इस टेंडर का मकसद?
लोकपाल का यह कदम निश्चित रूप से सुर्खियां बटोर रहा है। एक ओर जहां यह संस्था भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए जानी जाती है, वहीं इतनी महंगी गाड़ियों की खरीद को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं। क्या ये गाड़ियां कार्यालय की कार्यक्षमता बढ़ाएंगी या यह केवल एक शानदार कदम है? यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस टेंडर को लेकर जनता की क्या प्रतिक्रिया रहती है।