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लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा

सोमवार को लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुरुआत होगी। इस चर्चा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की जाएगी, और यह गीत भारतीय राष्ट्रवाद का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने इस अवसर पर विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किए हैं। जानें इस चर्चा का महत्व और इसके पीछे की ऐतिहासिक कहानी।
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लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा

नई दिल्ली में विशेष चर्चा का आयोजन


नई दिल्ली: सोमवार को लोकसभा में 'वंदे मातरम्' के 150 साल पूरे होने पर एक विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालने की उम्मीद है। चर्चा के दौरान हंगामे की संभावना भी जताई जा रही है, क्योंकि पीएम मोदी ने कांग्रेस पर वंदे मातरम् के कुछ अंशों को हटाने का आरोप लगाया है।


10 घंटे की बहस का समय

लोकसभा की कार्यसूची में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा को सोमवार के लिए निर्धारित किया गया है। इस बहस के लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। पीएम मोदी इस विशेष चर्चा की शुरुआत करेंगे, जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दूसरे वक्ता के रूप में शामिल होंगे।


'भारतीय राष्ट्रवाद का प्रतीक'

लोकसभा में चर्चा के बाद, मंगलवार (9 दिसंबर) को राज्यसभा में भी 'वंदे मातरम्' पर विशेष चर्चा होगी, जिसकी शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, जबकि स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा दूसरे वक्ता होंगे। दोनों सदनों में यह बहस इस गीत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करेगी, जो भारतीय राष्ट्रवाद का प्रतीक माना जाता है।


संगीतबद्ध करने वाले जदुनाथ भट्टाचार्य

जानकारी के अनुसार, 'वंदे मातरम्' का निर्माण 1870 के दशक में प्रसिद्ध साहित्यकार बंकिम चंद्र चटर्जी ने संस्कृतनिष्ठ बंगाली में किया था। यह गीत उनके प्रसिद्ध उपन्यास 'आनंदमठ' का हिस्सा है, जिसका पहला प्रकाशन 1882 में हुआ। इसे संगीतबद्ध करने का कार्य जदुनाथ भट्टाचार्य ने किया था। 1950 में भारत के गणराज्य बनने के साथ इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया।


विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट

केंद्र सरकार ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किए हैं, जो इसकी सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे स्वतंत्रता संग्राम की अमर धरोहर बताते हुए कहा था कि यह गीत देशवासियों में राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत करता है।


'देशवासियों के लिए गर्व की बात'

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इस बहस के माध्यम से युवाओं को वही ऊर्जा और प्रेरणा मिलेगी जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों को मिली थी। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर यह चर्चा देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री का संबोधन सुनना देशवासियों के लिए गर्व की बात है।