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वाई. पूरन कुमार मामले में न्याय की मांग: आम आदमी पार्टी का बयान

आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में न्याय की मांग की है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि वह दोषियों को बचा रही है और दलितों के खिलाफ भेदभाव को बढ़ावा दे रही है। ढांडा ने कहा कि यह केवल एक अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि संविधान और समानता के अधिकार की लड़ाई है। जानें पूरी कहानी और पार्टी की मांगें।
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वाई. पूरन कुमार मामले में न्याय की मांग: आम आदमी पार्टी का बयान

वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या पर आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया

चंडीगढ़- आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या को चार दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक न तो दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है और न ही चंडीगढ़ पुलिस बीजेपी के दबाव में कोई कदम उठा रही है। परिवार न्याय की धीमी प्रक्रिया से नाराज़ है और जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते, वे अंतिम संस्कार करने से मना कर रहे हैं। यह स्थिति बीजेपी शासन की संवेदनहीनता और प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है।


अनुराग ढांडा ने कहा कि यह केवल एक अधिकारी की मौत नहीं है, बल्कि यह दलित समुदाय के खिलाफ फैले हुए गहरे भेदभाव का संकेत है। “जब एक दलित आईपीएस अधिकारी को इस हद तक प्रताड़ित किया जाता है कि वह आत्महत्या कर लेता है, तो सोचिए कि गरीब दलितों की स्थिति क्या होगी। बीजेपी को दलितों का उन्नति करना बर्दाश्त नहीं होता। उन्होंने कहा, “बीजेपी का इको सिस्टम दलित अधिकारियों को अपमानित करने के लिए गंदे वीडियो, झूठे आरोप और भड़काऊ बयानों का सहारा लेता है। यह पैटर्न सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गवई के खिलाफ नफरती कैंपेन में भी देखा गया। यह हमला किसी एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि संविधान और संस्थागत समानता पर है।


अनुराग ढांडा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने आंखें मूंद ली हैं। मुख्यमंत्री इन आरोपी अधिकारियों के दबाव में हैं, और प्रदेश के एक दलित अधिकारी को न्याय दिलाने में असफल हैं। एफआईआर में देरी और आरोपियों की गिरफ्तारी न होना यह दर्शाता है कि जांच ठप है, क्योंकि बीजेपी सरकार कहीं न कहीं दोषियों को बचा रही है।


उन्होंने कहा कि बाबा साहब के संविधान ने सभी को समानता का अधिकार दिया, लेकिन बीजेपी इस समानता को स्वीकार नहीं कर पाती। बीजेपी ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देती है, लेकिन सच्चाई यह है कि उसे दलितों से नहीं, बल्कि उनकी बराबरी से डर लगता है। ढांडा ने पंजाब सरकार का उदाहरण दिया, जहां आम आदमी पार्टी ने दलित समाज और CJI के खिलाफ नफरती कैंपेन पर सख्त कार्रवाई की। FIR दर्ज की गईं, गैर-जमानती धाराएं लगाईं गईं, और स्पष्ट संदेश दिया गया कि दलितों के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीजेपी शासित राज्यों को भी ऐसा ही करना चाहिए, लेकिन वहां अपराधियों को संरक्षण मिलता है।


आम आदमी पार्टी की मांग:
– वाई. पूरन कुमार मामले की निष्पक्ष और तेज न्यायिक जांच हो।
– दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
– जातिगत भेदभाव और सत्ता के दुरुपयोग पर सरकार जवाब दे।
– दलितों के सम्मान पर कोई समझौता नहीं।
– हरियाणा में भी पंजाब की तरह नफरती कैंपेन पर सख्त एक्शन हो।


अनुराग ढांडा ने परिवार के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी दलितों की आवाज बनकर उनके साथ खड़ी है। यह लड़ाई केवल एक अधिकारी की नहीं, बल्कि संविधान और समानता के अधिकार की है। यदि दलितों का अपमान जारी रहा, तो जनता बीजेपी को इसका जवाब देगी।