विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कांग्रेस पर तीखा हमला: चीन और पाकिस्तान का खतरा

विदेश मंत्री का कांग्रेस पर आरोप
संसद के मानसून सत्र में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कांग्रेस पार्टी की चीन नीति पर कड़ा प्रहार किया। ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बयानों और उनके कार्यों में बड़ा अंतर है। जयशंकर ने स्पष्ट किया, "चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के लिए गंभीर खतरा हैं, लेकिन जब हम इस पर चेतावनी देते हैं, तो हमें ही निशाना बनाया जाता है।"
2005 में चीन को 'रणनीतिक साझेदार' बनाने का सवाल
विदेश मंत्री ने 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा चीन को रणनीतिक साझेदार घोषित करने के निर्णय पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उस समय 'चिंडिया' (China + India) जैसे विचार को बढ़ावा दिया, जिसमें भारत और चीन के समान हित माने गए। जयशंकर ने व्यंग्य करते हुए कहा, "चिंडिया की इस अवधारणा के सबसे बड़े समर्थक आज विपक्ष के प्रवक्ता बन गए हैं, जबकि वास्तविकता कुछ और है।"
राष्ट्रीय हितों की रक्षा पर जोर
जयशंकर ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया, जिसमें उनकी चीन यात्रा पर सवाल उठाए गए थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी यात्रा का उद्देश्य तनाव कम करना, व्यापार प्रतिबंधों पर चर्चा करना और आतंकवाद पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करना था। उन्होंने कहा, "मैं चीन ओलंपिक के लिए नहीं गया था, मेरा मकसद केवल भारत के हितों की रक्षा करना था।"
चीन की असलियत और स्टेपल्ड वीजा
विदेश मंत्री ने सदन में बताया कि चीन अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को स्टेपल्ड वीजा जारी करता है, जिसे भारत ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब यह सब हो रहा था, कांग्रेस नेताओं का ध्यान ओलंपिक जैसे आयोजनों पर था, जो चीन की वास्तविकता को नजरअंदाज करने जैसा था। जयशंकर ने कहा, "जब चीन स्टेपल्ड वीजा जारी कर रहा था, तब कुछ लोग टीवी पर ओलंपिक देख रहे थे। यही चीन की सच्चाई है।"
कांग्रेस की पुरानी तकनीकी नीति बनाम मोदी सरकार की 5G क्रांति
जयशंकर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चीन को 2G और 3G तकनीकों में अनुमति दी, जिससे भारत को रणनीतिक नुकसान हुआ। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने स्वदेशी 5G नेटवर्क विकसित करके तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा, "आज वही लोग हमें चीन नीति पर उपदेश दे रहे हैं, जिन्होंने तकनीकी संप्रभुता के साथ खिलवाड़ किया।"