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विपक्ष का वोट चोरी का आरोप: क्या है सच?

बिहार चुनाव में विपक्ष ने वोट चोरी का आरोप लगाया है, जिसमें प्रमुख नेता जैसे उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी शामिल हैं। कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने एक पत्रकार का वीडियो साझा किया है, जिसमें एक भाजपा नेता ने दो बार वोट डालने का दावा किया। क्या यह आरोप सही है या सिर्फ एक बहाना? जानें इस विवाद की सच्चाई और इसके पीछे के कारण।
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विपक्ष का वोट चोरी का आरोप: क्या है सच?

विपक्ष की हार का नया बहाना

ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्ष ने अपनी हार और कमजोरियों को छिपाने के लिए वोट चोरी का एक नया बहाना ढूंढ लिया है। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सभी का कहना है कि बिहार में वोट चोरी के कारण महागठबंधन की हार हुई है और एनडीए को जीत मिली है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या विपक्ष के नेता सच में ऐसा मानते हैं या बस बयानबाजी कर रहे हैं।


कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने एक पत्रकार का वीडियो साझा किया है, जिसमें पत्रकार ने दावा किया कि एक भाजपा नेता ने कहा कि उसने इस चुनाव में दो बार वोट डाला।


सोचिए, यदि कोई व्यक्ति पत्रकार के सामने यह कहता है कि उसने दो बार वोट डाला है, तो क्या इस आधार पर सुप्रिया श्रीनेत का यह कहना सही है कि बिहार में वोट चोरी हुई है? इसी तरह, राज्य सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की सांसद बेटी शाम्भवी चौधरी के हाथों की उंगलियों पर स्याही लगी होने के आधार पर भी वोट चोरी का आरोप लगाया जा रहा है।


हालांकि, पहले लोग कई स्थानों पर वोट डालने में सक्षम थे, लेकिन अब यह लगभग असंभव हो गया है। वेब कास्टिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग ने इसे कठिन बना दिया है। फिर भी, सुप्रिया श्रीनेत ने एक पत्रकार के वीडियो के आधार पर वोट चोरी का आरोप लगाया। जब बिहार के चुनाव कार्यालय ने उनसे सबूत मांगा, तो उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग किसी और को धमकी दे, वे डरने वाली नहीं हैं। ऐसा लगता है कि कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं ने चुनाव आयोग पर गड़बड़ी के आरोप लगाने को अपना विशेषाधिकार मान लिया है।