Newzfatafatlogo

विपक्षी दलों का जेपीसी गठन पर विवाद, कांग्रेस की रणनीति पर नजर

हाल ही में तीन विधेयकों को जेपीसी में भेजने के बाद विपक्षी दलों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अन्य दलों से सलाह लेने का निर्णय लिया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने बहिष्कार का फैसला किया है। स्पीकर ओम बिरला के लिए जेपीसी का गठन करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम की पूरी कहानी और आगे की संभावनाएं।
 | 
विपक्षी दलों का जेपीसी गठन पर विवाद, कांग्रेस की रणनीति पर नजर

जेपीसी गठन में विपक्ष का बहिष्कार

यह स्थिति सामान्य नहीं है, लेकिन हाल ही में तीन विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेजने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया है। इन विधेयकों में मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने और 30 दिन की हिरासत में रखने का प्रावधान है। विपक्षी दल अब इस मुद्दे पर बहिष्कार का निर्णय ले रहे हैं, जिससे स्पीकर ओम बिरला के लिए जेपीसी का गठन करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। स्पीकर ने सभी राजनीतिक दलों से जेपीसी के लिए सदस्यों के नाम मांगे हैं, लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी ने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने जेपीसी का बहिष्कार नहीं किया है, फिर भी उसने स्पीकर को नाम सौंपने में जल्दबाजी नहीं दिखाई है। यह माना जा रहा है कि कांग्रेस इस मामले में अन्य विपक्षी दलों से सलाह ले रही है।


कांग्रेस की राय के अनुसार, डीएमके, राजद, सीपीएम जैसी पार्टियां निर्णय लेंगी। तृणमूल कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर इस प्रक्रिया का बहिष्कार किया है। टीएमसी ने यह भी बताया कि यह पहली बार है जब विपक्षी दल किसी जेपीसी का बहिष्कार कर रहे हैं। डेरेक ओ ब्रायन ने याद दिलाया कि बोफोर्स मामले की जांच के लिए बनी जेपीसी का भी छह पार्टियों ने बहिष्कार किया था, जिसमें तेलुगू देशम पार्टी और असम गण परिषद शामिल थीं, जो अब एनडीए का हिस्सा हैं। स्पीकर के सामने यह चुनौती है कि इस बार लगभग सभी विपक्षी दल एकजुट हैं, जिससे उनका निर्णय एकमत हो सकता है। पहले की तरह अगर विपक्ष बिखरा होता, तो स्थिति इतनी कठिन नहीं होती। इसके अलावा, विपक्षी गठबंधन से बाहर की पार्टियों के पास सांसदों की संख्या कम है। बीजू जनता दल, बीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस के पास सीमित सांसद हैं, जिसमें बीजद का लोकसभा में कोई सांसद नहीं है और वाईएसआर कांग्रेस के केवल चार सांसद हैं। ऐसे में इन दलों को विपक्ष मानकर जेपीसी का गठन नहीं किया जा सकता। इसलिए विपक्ष के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।