विश्व रंग हिंदी ओलंपियाड 2025: 14 सितंबर से 50+ देशों में होगा आयोजन

विश्व रंग हिंदी ओलंपियाड का आगाज
भोपाल | हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने और नई पीढ़ी को इस भाषा से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू होने जा रही है।
विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड-2025 का आयोजन 14 सितंबर (हिंदी दिवस) से लेकर 30 सितंबर (अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस) तक भारत समेत 50 से अधिक देशों में होगा। यह आयोजन विश्व रंग फाउंडेशन (भारत), रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (RNTU), भोपाल और वनमाली सृजन पीठ के सहयोग से किया जा रहा है।
हिंदी को एकजुट करने का प्रयास
विश्व रंग फाउंडेशन के निदेशक और RNTU के कुलाधिपति संतोष चौबे ने बताया कि यह ओलंपियाड 65 देशों में हिंदी बोलने, सुनने और लिखने वालों को एक मंच पर लाने का प्रयास करेगा। यह हिंदी के प्रचार का एक अनूठा प्रयास है, जो इसे वैश्विक स्तर पर और मजबूत करेगा।
छात्रों के लिए अवसर
RNTU की प्रो-चांसलर अदिति चतुर्वेदी ने कहा कि इस ओलंपियाड में भारत में कक्षा 1 से लेकर स्नातकोत्तर तक के छात्र और विदेशों में स्तर 1 से स्तर 6 तक के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। यह छह अलग-अलग स्तरों पर आयोजित किया जाएगा, ताकि सभी प्रतिभागी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकें।
अब तक का सबसे बड़ा आयोजन
वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. अमिताभ सक्सेना ने बताया कि यह हिंदी ओलंपियाड अपने आकार और दायरे के अनुसार अब तक का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और शैक्षिक अभियान होगा। विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
श्रीलंका में भी आयोजन
टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र के निदेशक डॉ. जवाहर कर्नावट ने बताया कि विश्व रंग का अंतरराष्ट्रीय संस्करण ‘विश्व रंग श्रीलंका 2025’ 29-30 सितंबर को कोलंबो में आयोजित किया जाएगा। इसे स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र और भारतीय उच्चायोग के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। इसमें भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साहित्यकार, प्रोफेसर और छात्र भाग लेंगे। इसका थीम है- “दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में सांस्कृतिक समन्वय।”
विश्व रंग पुस्तक यात्रा
टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला केंद्र के निदेशक विजय उपाध्याय ने बताया कि विश्व रंग की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 2 अक्टूबर से पुस्तक यात्रा शुरू होगी। यह यात्रा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड के विश्वविद्यालयों और आईसेक्ट केंद्रों के सहयोग से होगी। यह यात्रा 125 जिलों, 250 विकासखंडों और 700 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरेगी।