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विश्वास सारंग ने आरएसएस की प्रशंसा पर उठे सवालों का दिया जवाब

मध्य प्रदेश के युवा और खेल कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरएसएस की प्रशंसा पर उठे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने आरएसएस को एक समाजसेवी संगठन बताया, जिसने बिना किसी स्वार्थ के देश की सेवा की है। सारंग ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे हमेशा पाकिस्तान की महिमा गाते हैं। इस बीच, मध्य प्रदेश में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। जानें इस मुद्दे पर सारंग के और क्या विचार हैं।
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विश्वास सारंग ने आरएसएस की प्रशंसा पर उठे सवालों का दिया जवाब

आरएसएस की भूमिका पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सराहना की, जिसके बाद विपक्षी दलों ने सवाल उठाए। इस पर मध्य प्रदेश के युवा और खेल कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने स्पष्ट किया कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है जो बिना किसी स्वार्थ के देश की सेवा करता है।


सारंग का बयान

मंत्री सारंग ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री का बयान सत्य है। उन्होंने बताया कि आरएसएस पिछले 100 वर्षों से समाज सेवा में लगा हुआ है, जिसके लाखों कार्यकर्ताओं ने अपने घर-बार छोड़कर देश की एकता और अखंडता के लिए काम किया है।


आरएसएस का योगदान

उन्होंने कहा, "आरएसएस इस देश के लिए एक वरदान है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कश्मीर की सुरक्षा और आजादी को स्थायी बनाने में इसका योगदान अद्वितीय है।"


कांग्रेस पर आरोप

विश्वास सारंग ने युवा कांग्रेस के सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के संदर्भ में टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखाती है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जब पूरा देश जश्न मना रहा था, तब कांग्रेस के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से पाकिस्तान की प्रशंसा की गई।


राहुल गांधी पर निशाना

सारंग ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राहुल के बयानों में पाकिस्तान की महिमा का संकेत मिलता है।


जन्माष्टमी का पर्व

मध्य प्रदेश में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सारंग ने कांग्रेस के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है, जबकि वे केवल क्रिसमस और ईद को महत्व देते हैं।