Newzfatafatlogo

शरजील इमाम का बिहार चुनाव में उतरने का निर्णय

शरजील इमाम, जो पिछले पांच वर्षों से जेल में हैं, ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की है, ताकि वे चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल हो सकें। इमाम का कहना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। जानें उनके चुनावी क्षेत्र और चुनावी रणनीति के बारे में।
 | 
शरजील इमाम का बिहार चुनाव में उतरने का निर्णय

बिहार विधानसभा चुनाव में शरजील इमाम की भागीदारी

बिहार चुनाव: 2020 में दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े एक विवादास्पद मामले में यूएपीए के तहत पिछले पांच वर्षों से जेल में बंद छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम ने अब बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने दिल्ली की एक अदालत में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की है, ताकि वे अपने गृह राज्य की राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हो सकें। 


एक रिपोर्ट के अनुसार, शरजील इमाम ने कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) समीर बाजपेयी के समक्ष यह याचिका प्रस्तुत की है। न्यायाधीश बाजपेयी दिल्ली दंगों से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहे हैं। इमाम ने 15 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक की अवधि के लिए अंतरिम जमानत मांगी है, ताकि वे नामांकन भरने, प्रचार करने और मतदाताओं से संपर्क करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर सकें।


अपनी याचिका में इमाम ने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(A) और 21 का उल्लेख करते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। उन्होंने यह भी तर्क किया कि जेल में रहते हुए भी चुनाव लड़ने का उनका अधिकार नहीं छीना जा सकता। इमाम बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र (किशनगंज जिला) से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में भाग लेना चाहते हैं, जो बिहार के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।


बिहार चुनाव का पृष्ठभूमि


चुनाव आयोग ने हाल ही में बिहार विधानसभा के 18वें चुनाव की तारीखों की घोषणा की है। मतदान दो चरणों में होगा। कुल 243 सीटों पर राजनीतिक दलों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है, जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला होगा।