Newzfatafatlogo

शशि थरूर का मौन: पीएम मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया से किया इनकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर दिए गए भाषण के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। थरूर, जो इस ऑपरेशन के लिए बनी सर्वदलीय समिति का नेतृत्व कर चुके हैं, ने मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में विपक्ष पर कई हमले किए और भारतीय सशस्त्र बलों की सफलता का जिक्र किया। जानें इस चुप्पी के पीछे की वजह और संसद में हुई बहस के बारे में।
 | 
शशि थरूर का मौन: पीएम मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया से किया इनकार

प्रधानमंत्री मोदी का बयान और थरूर की चुप्पी

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी बात रखी और विपक्ष पर निशाना साधा, तब सभी की नजरें कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर थीं। थरूर ने जून में इस ऑपरेशन के लिए बनी सर्वदलीय समिति का नेतृत्व किया था। लेकिन जब मीडिया ने उनसे इस विषय पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।


तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "मैं इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं।" जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें किसी नेता का भाषण विशेष रूप से पसंद आया, तो उन्होंने फिर से चुप्पी साधे रखी। यह ध्यान देने योग्य है कि थरूर ने पहले ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति और इसके कोड-नाम की प्रशंसा की थी।


पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला और ऑपरेशन की सफलता

पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला और ऑपरेशन की सफलता


अपने भाषण में, पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को 'फ्री हैंड' दिया गया था, और यह निर्णय सेना को लेना था कि कब, कहां और कैसे हमला करना है। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के समर्थन में केवल तीन देशों ने बात की, जो भारत की कूटनीतिक सफलता को दर्शाता है। इसके अलावा, उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी विदेशी नेता ने भारत से ऑपरेशन रोकने की मांग नहीं की थी।


नेहरू की नीतियों पर मोदी का हमला

'नेहरू की सबसे बड़ी भूल'


पीएम मोदी ने कांग्रेस पर कई पुराने मुद्दों को लेकर हमला किया। उन्होंने बाटला हाउस एनकाउंटर और सिंधु जल संधि का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सब कांग्रेस की नीतियों की गलतियों का परिणाम हैं। उन्होंने कहा, "सिंधु जल संधि नेहरू की सबसे बड़ी भूल थी।" इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब 'न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग' से डरने वाला देश नहीं रहा, और ऑपरेशन सिंदूर इसका एक मजबूत प्रमाण है।


विपक्ष की सक्रियता, लेकिन थरूर मौन

विपक्ष की सक्रियता, लेकिन थरूर मौन


पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद की सैन्य प्रतिक्रिया पर संसद में तीन दिन तक बहस हुई। सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं ने अपने विचार साझा किए, और बीजेपी तथा कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस देखने को मिली। इस बीच, शशि थरूर का मौन रहना सभी को चौंका गया, खासकर जब उन्होंने पहले इस ऑपरेशन के बारे में सार्वजनिक मंचों पर बात की थी।