शशि थरूर की भाजपा में संभावित एंट्री: क्या बनेगा नया राजनीतिक समीकरण?

शशि थरूर की राजनीतिक स्थिति
तिरूवनंतपुरम से लोकसभा चुनाव जीतने वाले शशि थरूर के बारे में यह चर्चा है कि वे भाजपा की ओर बढ़ रहे हैं, और उनके लिए दरवाजे कभी भी खुल सकते हैं। लेकिन यह जानना जरूरी है कि यदि दरवाजा खुलता है, तो उनकी भूमिका क्या होगी? थरूर कांग्रेस से असंतुष्ट हैं, क्योंकि पार्टी के पास अब उन्हें देने के लिए कुछ नहीं है। जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्हें मंत्री बनाया गया था, लेकिन अब उन्हें लगता है कि कांग्रेस फिर से सत्ता में नहीं आएगी। इस कारण उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में अपनी स्थिति को मजबूती से पेश करने का दबाव डाला, लेकिन राहुल गांधी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। केसी वेणुगोपाल की उपस्थिति में थरूर के लिए ज्यादा संभावनाएं नहीं हैं।
भाजपा में शामिल होने की संभावनाएं
इसलिए, थरूर भाजपा में शामिल होने की सोच रहे हैं, ताकि वे केंद्र में मंत्री बन सकें। लेकिन यह तभी संभव है जब वे सांसद बने रहें। यदि वे कांग्रेस छोड़ते हैं, तो उन्हें लोकसभा से इस्तीफा देना होगा और उपचुनाव में जीत हासिल करनी होगी। यदि उनका मानना है कि भाजपा उन्हें राज्यसभा भेजेगी, तो उन्हें इंतजार करना होगा। राज्यसभा की आठ सीटों के लिए चुनाव 19 जून को होने हैं, लेकिन भाजपा केवल दो सीटें जीत सकती है, और थरूर को वहां नहीं भेज सकती। अगले साल अप्रैल में राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव भी हैं। इसलिए, यदि थरूर लोकसभा से इस्तीफा देकर मंत्री बनते हैं, तो उनकी सांसद बनने की एकमात्र संभावना तिरूवनंतपुरम से जीतने पर निर्भर करेगी।
भाजपा की रणनीति
पिछली बार थरूर के खिलाफ भाजपा ने राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतारा था, जो अब प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं। थरूर ने कांटे की टक्कर में चंद्रशेखर को हराया था। भाजपा को उम्मीद है कि यदि थरूर चुनाव लड़ते हैं और चंद्रशेखर उनकी मदद करते हैं, तो वे जीत सकते हैं। लेकिन क्या थरूर इस जोखिम को उठाने के लिए तैयार हैं? यदि वे चुनावी वर्ष में लेफ्ट और कांग्रेस को हराने का जोखिम उठाते हैं, तो यह भाजपा के लिए एक बड़ी जीत होगी। राजीव चंद्रशेखर के विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना भी अधिक है।