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शशि थरूर ने पीएम मोदी की सराहना की, कांग्रेस में असहमति का माहौल

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की, जिससे कांग्रेस में असहमति का माहौल बन गया है। थरूर ने पीएम मोदी के विकास के दृष्टिकोण और उपनिवेशवादी मानसिकता से बाहर निकलने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके भाषण का केंद्र भारत की शिक्षा प्रणाली पर उपनिवेशवाद के प्रभाव था। जानें थरूर ने पीएम मोदी के बारे में और क्या कहा और कांग्रेस में उनके इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया हुई।
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शशि थरूर ने पीएम मोदी की सराहना की, कांग्रेस में असहमति का माहौल

थरूर की सराहना पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया


नई दिल्ली: कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर प्रशंसा की, जो कांग्रेस नेतृत्व को पसंद नहीं आया। यह पहली बार नहीं है जब थरूर ने पीएम की तारीफ की है। थरूर ने एक निजी कार्यक्रम में भाग लेते हुए बताया कि पीएम मोदी ने विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता और उपनिवेशवादी मानसिकता से बाहर निकलने की आवश्यकता पर जोर दिया।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को केवल एक उभरती हुई मार्केट नहीं, बल्कि एक उभरते हुए मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया। थरूर के अनुसार, पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत ने महामारी और वैश्विक संकटों के बावजूद अपनी आर्थिक मजबूती को बनाए रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि उन पर हमेशा चुनावी मोड में काम करने का आरोप लगता है, जबकि वे वास्तव में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भावनात्मक मोड में रहते हैं।




भाषण का मुख्य विषय

क्या था भाषण का केन्द्र?


भाषण का मुख्य विषय भारत की शिक्षा प्रणाली पर उपनिवेशवाद के प्रभाव और मैकाले की नीतियों में बदलाव था। थरूर ने बताया कि पीएम मोदी के भाषण का एक बड़ा हिस्सा मैकाले द्वारा स्थापित शिक्षा प्रणाली की आलोचना पर आधारित था, जिसने भारतीयों में हीन भावना पैदा की। प्रधानमंत्री ने भारत की विरासत, भाषा और ज्ञान परंपराओं को पुनर्स्थापित करने के लिए 10 साल का राष्ट्रीय मिशन चलाने की अपील की।


थरूर की प्रशंसा के अन्य पहलू

थरूर ने पीएम की तारीफ में और क्या कहा?


थरूर ने कहा कि पीएम का संबोधन आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक जागरण का एक मिश्रण था, जिसे सुनकर वे प्रसन्न हुए। हालांकि, कांग्रेस के भीतर थरूर की इस टिप्पणी को सकारात्मक रूप से नहीं देखा जाएगा। पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस और थरूर के संबंधों में खटास आई है। पहीलगाम आतंकी हमले के बाद थरूर को सरकारी प्रतिनिधिमंडल में भेजने पर भी पार्टी में असहमति हुई थी। थरूर ने पहले भी पीएम मोदी के नेतृत्व और ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की थी, जिससे कांग्रेस के कई नेता नाराज हुए थे।