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शी जिनपिंग का ग्लोबल गवर्नेंस इनिशिएटिव: अमेरिका, भारत और रूस की प्रतिक्रिया

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने SCO मीटिंग में ग्लोबल गवर्नेंस इनिशिएटिव का प्रस्ताव रखा, जिसमें उन्होंने बहुपक्षीय व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया। यह प्रस्ताव अमेरिका के लिए चिंता का विषय बन गया है, खासकर जब अमेरिका ने भारत पर भारी टैरिफ लगाया है। शी ने सभी देशों के लिए समानता और सहयोग की बात की, जिससे भारत और रूस ने सहमति जताई है। जानें इस प्रस्ताव के पीछे की रणनीति और अमेरिका की प्रतिक्रिया।
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शी जिनपिंग का ग्लोबल गवर्नेंस इनिशिएटिव: अमेरिका, भारत और रूस की प्रतिक्रिया

शी जिनपिंग का प्रस्ताव

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में आयोजित SCO मीटिंग में ग्लोबल गवर्नेंस इनिशिएटिव (GGI) का प्रस्ताव रखा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी एक देश को सबसे शक्तिशाली मानना गलत है और वैश्विक स्तर पर बहुपक्षीय व्यवस्था की आवश्यकता है। इस विचार पर रूस और भारत ने सहमति जताई है। यह प्रस्ताव अमेरिका को एक स्पष्ट चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।

अमेरिका ने भारत पर सबसे अधिक टैरिफ लगाया है, जिससे शी जिनपिंग का बयान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा, 'मैं सभी देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हूं। यह सहयोग समानता के आधार पर होना चाहिए और मानवता के साझा भविष्य के निर्माण के लिए आवश्यक है।' उन्होंने ग्लोबल साउथ के लिए इस दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण बताया।

शी जिनपिंग ने आगे कहा, 'हमें समानता के आधार पर संवाद करना चाहिए। सभी देशों को क्षेत्रफल, क्षमता और संपत्ति से परे समान माना जाना चाहिए। सभी को ग्लोबल गवर्नेंस में निर्णय लेने का अवसर मिलना चाहिए।' उन्होंने विकासशील देशों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

अमेरिका के भारी टैरिफ के संदर्भ में, शी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों को सभी देशों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए, बिना किसी दोहरे मानदंड के। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ देश अपने नियमों को दूसरों पर थोपने की कोशिश करते हैं। शी जिनपिंग ने बहुपक्षीय व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया, जो भारत सहित कई देशों के लिए सहमतिपूर्ण हो सकती है, लेकिन अमेरिका के लिए यह चिंता का विषय है।