शेख हसीना का विवादास्पद फैसला: पूर्व प्रधानमंत्री की तीखी प्रतिक्रिया
शेख हसीना की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में अपने खिलाफ आए फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे एक धांधली न्यायाधिकरण का निर्णय बताया, जिसे एक अनिर्वाचित सरकार ने स्थापित किया है, जिसके पास कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है।
हसीना ने बांग्लादेश अवामी लीग द्वारा साझा किए गए एक बयान में कहा कि उनके खिलाफ सुनाया गया फैसला पूरी तरह से पक्षपाती और राजनीतिक प्रेरणा से भरा है। उन्होंने कहा कि मृत्युदंड की मांग, जो कि एक घृणित इरादा है, यह दर्शाती है कि कैसे चरमपंथी तत्वों का लक्ष्य बांग्लादेश के अंतिम निर्वाचित प्रधानमंत्री को हटाना और अवामी लीग को कमजोर करना है।
यूनुस प्रशासन की आलोचना
हसीना ने डॉ. मोहम्मद यूनुस के प्रशासन की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि लाखों बांग्लादेशी, जो उनके अराजक और हिंसक शासन के अधीन हैं, इस प्रयास से मूर्ख नहीं बनेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि तथाकथित अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा चलाए गए मुकदमे कभी भी न्याय प्राप्त करने का उद्देश्य नहीं रखते।
इसके बजाय, उनका असली मकसद अवामी लीग को बलि का बकरा बनाना और यूनुस तथा उनके मंत्रियों की विफलताओं से ध्यान भटकाना है।
सार्वजनिक सेवाओं की स्थिति
शेख हसीना ने आगे कहा कि उनके शासन में सार्वजनिक सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। देश की सड़कों पर अपराध बढ़ गया है और पुलिस की कार्रवाई कम हो गई है। उन्होंने बताया कि अवामी लीग के समर्थकों पर हमले बढ़ रहे हैं, और धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, पर भी हमले हो रहे हैं।
इसके अलावा, महिलाओं के अधिकारों का दमन किया जा रहा है, और प्रशासन में मौजूद इस्लामी चरमपंथी बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। पत्रकारों को जेल में डालकर धमकाया जा रहा है, आर्थिक विकास ठप हो गया है, और यूनुस ने चुनावों में देरी की है, जिससे अवामी लीग को चुनावों में भाग लेने से रोका गया है।
