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श्रीनगर में अशोक स्तंभ तोड़ने की घटना पर विवाद बढ़ा

श्रीनगर में एक मुस्लिम समूह ने हजरतबल दरगाह के जीर्णोद्धार पट्टिका पर अंकित अशोक स्तंभ को तोड़ दिया, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है। इस घटना पर विभिन्न वर्गों की तीखी प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कई लोगों ने वक्फ बोर्ड की आलोचना की है, जबकि कुछ नेताओं ने इसे इस्लाम के खिलाफ बताया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और प्रतिक्रियाएँ।
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श्रीनगर में अशोक स्तंभ तोड़ने की घटना पर विवाद बढ़ा

श्रीनगर में अशोक स्तंभ का तोड़ना

नई दिल्ली। श्रीनगर में एक मुस्लिम समूह ने अशोक स्तंभ को तोड़ दिया। यह स्तंभ हजरतबल दरगाह के जीर्णोद्धार पट्टिका पर राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में स्थापित था, जिसके कारण विवाद उत्पन्न हो गया है। दरगाह के शिलापट पर अंकित अशोक स्तंभ को लेकर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी देखी जा रही है। इस घटना की तीखी आलोचना विभिन्न वर्गों द्वारा की जा रही है। कई जायरीनों ने वक्फ बोर्ड की आलोचना करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं के प्रति असंवेदनशीलता शर्मनाक है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में हजरतबल दरगाह के जीर्णोद्धार पट्टिका पर अशोक स्तंभ अंकित करने से विवाद खड़ा हो गया है। मुस्लिम समुदाय ने इस राष्ट्रीय चिन्ह को तोड़ दिया। लोगों और नेताओं का कहना है कि इस्लाम में किसी भी धार्मिक स्थल पर जीव-जंतु की आकृति का होना स्वीकार्य नहीं है। दरगाह में पैगंबर मोहम्मद के पवित्र चिह्न हैं। यहां आने वाले अकीदतमंदों ने वक्फ बोर्ड की आलोचना की है। हाल ही में इस दरगाह का जीर्णोद्धार किया गया था, जिसका उद्घाटन वक्फ अध्यक्ष दरखशां अंद्राबी ने किया।


कट्टरपंथ का विरोध

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता और जदीबल के विधायक तनवीर सादिक ने कहा कि प्रतिष्ठित दरगाह में बुत स्थापित करना इस्लाम के खिलाफ है, जो बुतपरस्ती की मनाही करता है। उन्होंने कहा कि वह धार्मिक विद्वान नहीं हैं, लेकिन इस्लाम में बुतपरस्ती को सबसे बड़ा पाप माना जाता है।