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संजय गायकवाड़ के विवादास्पद बयान से महाराष्ट्र में हलचल

शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने दक्षिण भारतीय समुदाय पर विवादास्पद टिप्पणी की है, जिससे महाराष्ट्र में हलचल मच गई है। उनके बयान के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एमएलए हॉस्टल की कैंटीन का लाइसेंस निलंबित कर दिया। राजनीतिक नेताओं ने गायकवाड़ की निंदा की है, और सोशल मीडिया पर उनके बयानों को भेदभावपूर्ण बताया जा रहा है। यह मामला अब केवल खाद्य सुरक्षा का नहीं, बल्कि क्षेत्रीय पहचान और सामाजिक एकता का भी है।
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संजय गायकवाड़ के विवादास्पद बयान से महाराष्ट्र में हलचल

संजय गायकवाड़ का विवादास्पद बयान

Sanjay Gaikwad statement: शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ एक बार फिर चर्चा में हैं। पहले मुंबई के एमएलए हॉस्टल में कैंटीन के कर्मचारियों के साथ बासी भोजन को लेकर विवाद हुआ और अब दक्षिण भारतीय समुदाय पर उनकी भड़काऊ टिप्पणी ने इस मामले को नया मोड़ दिया है। गुरुवार को गायकवाड़ ने महाराष्ट्र में रहने वाले दक्षिण भारतीयों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए, जिससे मामला और बढ़ गया।


एक मीडिया चैनल के साथ बातचीत में गायकवाड़ ने कहा, “डांस बार और लेडीज़ बार में अधिकांश शेट्टी मालिक होते हैं। ये युवा पीढ़ी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं और महाराष्ट्र की संस्कृति को नुकसान पहुंचाते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि, “हमारी संस्कृति में डांस बार का कोई स्थान नहीं है। बालासाहेब, राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे जैसे नेताओं ने पहले भी इनका विरोध किया है।”


खाद्य सुरक्षा पर प्रशासन की कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा पर प्रशासन की सख्ती


इस बीच, महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है। बुधवार को एक औचक निरीक्षण के दौरान, एफडीए ने एमएलए हॉस्टल में कैंटीन चलाने वाली कंपनी अजंता कैटरर्स का लाइसेंस निलंबित कर दिया। निरीक्षण में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के उल्लंघन की पुष्टि हुई। एफडीए ने कंपनी को सभी खाद्य सेवाएं तुरंत बंद करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई खराब भोजन की शिकायतों के बाद की गई है।


राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया

राजनीतिक नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया


संजय गायकवाड़ के व्यवहार की सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों ने एक स्वर में निंदा की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे “अस्वीकार्य” बताया और कहा कि यह जनप्रतिनिधियों की छवि को धूमिल करता है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि “कानूनी कार्रवाई ही सही रास्ता है, न कि शारीरिक हमला।” इसके बावजूद, गायकवाड़ ने अपने कार्यों का बचाव करने की कोशिश की है।


सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर आलोचना


गायकवाड़ की टिप्पणियों ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कई लोगों ने उनके बयानों को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी बताया है। राजनीतिक विरोधियों ने इसे महाराष्ट्र की एकता और सामाजिक सौहार्द के खिलाफ एक गैर-जिम्मेदाराना कदम करार दिया है। यह विवाद अब खाद्य सुरक्षा और हिंसा के मुद्दे से आगे बढ़कर क्षेत्रीय पहचान और सामाजिक एकता का बड़ा सवाल बन गया है।